बिल्डर ने थोपा पानी का बिल, निवासियों ने प्राधिकरण से की हस्ताक्षेप की मांग

सेक्टर 76 स्थित सेठी मैक्स रॉयल सोसायटी के निवासी इन दिनों पानी का भारी भरकम बिल आ जाने से परेशान हैं। बिल्डर की ओर से 2014 में लिया गया कनेक्शन का बिल अब तक नहीं भरा गया है। प्राधिकरण की ओर से 1 करोड़

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Mar 2019 12:29 AM (IST) Updated:Wed, 27 Mar 2019 12:29 AM (IST)
बिल्डर ने थोपा पानी का बिल, निवासियों ने प्राधिकरण से की हस्ताक्षेप की मांग
बिल्डर ने थोपा पानी का बिल, निवासियों ने प्राधिकरण से की हस्ताक्षेप की मांग

जागरण संवददाता, नोएडा :

सेक्टर 76 स्थित सेठी मैक्स रॉयल सोसायटी के निवासी इन दिनों पानी का भारी भरकम बिल आ जाने से परेशान हैं। बिल्डर की ओर से 2014 में लिया गया कनेक्शन का बिल अब तक नहीं भरा गया है। प्राधिकरण की ओर से 1 करोड़ 8 लाख के करीब बिल भेजा गया है। साथ ही 25 लाख से अधिक की पेनाल्टी भी लगाई गई है। इसको लेकर बिल्डर ने सभी निवासियों को मेल कर बिल मेंटनेंस के जरिए भरने को कहा है। इसी को लेकर निवासियों ने प्राधिकरण को पत्र लिखा है जिसमें बिल भरने के लिए किस्तों का प्रावधान, फ्लैट के क्षेत्रफल के हिसाब से बिल आदि के लिए हस्तक्षेप कर उनकी समस्या का निदान किया जाए।

सेठी मैक्स रॉयल के निवासियों ने प्राधिकरण चेयरमैन को पक्ष लिखकर बताया कि बिल्डर की ओर से अक्टूबर 2018 में पानी का कनेक्शन के लिए लिया गया था। इस बिल को आज तक नहीं भरा गया, जबिक ये कनेक्शन कंस्ट्रेक्शन के लिए लिया गया था जो कि पिछले दो महीने तक चलता रहा है। पिछले दिनों बिल्डर की ओर से निवासियों को मेल से जानकारी दी गई कि प्राधिकरण का पानी का बिल 1 करोड़ 8 लाख 33,933 रुप.ये हो गया है। इसके साथ ही 25 लाख 65 हजार 850 रुपये की पेनाल्टी भी लगाई गई है। ये बिल तत्काल भरने को कहा गया है। बिल्डर की लापरवाही की वजह से ये हुआ और अब निवासियों पर दवाब बनाया जा रहा है। ये कहीं से भी औचित्य नहीं है।

निवासियों ने बिदुवार बताया कि फरवरी 2019 में इसकी जानकारी दी गई। बिल्डर के प्रमोटर के नाम पर कनेक्शन है, बिल न भरने की जानकारी पहले क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई, और अब अचानक इतना भार डाल दिया गया। उन्हें पानी का बिल भरने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन पेनाल्टी का रकम बिल्डर की ओर से भरी जाए। उसी की वजह से ये परेशानी हुई है। साथ ही बिल्डर की ओर से सभी को एक ही जैसा बिल भरने को दिया गया है जबकि यहां फ्लैट का क्षेत्रफल अलग है। क्षेत्रफल के हिसाब से बिल लिया जाए। बिल्डर की ओर से बिजली के प्रीपेड मीटर से बिल काटने की बात कही जा रही है जो कि गलत है। मांग की कि उन्हें चेक के जरिए किस्तों में बिल भरने की सहूलियत दी जाए। पत्र में प्राधिकरण से हस्तक्षेप करने की मदद मांगते हुए निवासी बिल्डर की मनमानी रोकने की बात कही गई है, जिससे के सोसायटी में किसी तरह का विवाद न खड़ा हो।

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