एसआइटी ने एक सप्ताह में मांगे लीजबैक के लाभार्थियों के नाम-पते

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा में लीजबैक प्रकरणों की जांच कर रही एसआइट

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:16 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 09:16 PM (IST)
एसआइटी ने एक सप्ताह में मांगे लीजबैक के लाभार्थियों के नाम-पते
एसआइटी ने एक सप्ताह में मांगे लीजबैक के लाभार्थियों के नाम-पते

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में लीजबैक प्रकरणों की जांच कर रही एसआइटी ने तहसीलदार को एक सप्ताह में लाभार्थियों के नाम पते की सूची देने के निर्देश दिए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा लाभार्थियों के नाम पते देने में आनाकानी करने के बाद एसआइटी अध्यक्ष एवं यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने तहसीलदार को यह निर्देश दिए हैं।

ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में लीजबैक के कुछ प्रकरणों की जांच कराई गई थी। तत्कालीन चेयरमैन डा. प्रभात कुमार के निर्देश पर हुई जांच में सामने आया था कि मूल किसानों की आड़ में बाहरी लोगों को भी लीजबैक का लाभ दिया गया। उनकी संस्तुति पर शासन ने यमुना प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में एसआइटी गठित कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभी लीजबैक प्रकरणों की जांच सौंपी थी। एसआइटी जांच के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से लीजबैक के लाभार्थियों के नाम पते मांग रही है, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी ब्योरा देने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे एसआइटी की जांच पूरी नहीं हो पा रही है। वहीं जांच के चलते किसानों के लीजबैक प्रकरणों पर भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। एसआइटी अध्यक्ष से किसान कई बार मिलकर जांच जल्द पूरी करने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद जांच में तेजी नहीं आ पाई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के गैर जिम्मेदार रवैये को देखते हुए एसआइटी अध्यक्ष ने तहसीलदार को निर्देश देते हुए लीजबैक प्रकरणों के लाभार्थियों के नाम व पते उपलब्ध कराने को कहा है। नाम व पते सामने आने से उन्हें नोटिस जारी करने एवं घोटाला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

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