अनजान के लिए खतरे में डाली जान
मोहम्मद बिलाल नोएडा संपवेल टैंक में गई गेंद निकालने के दौरान हादसे का शिकार तीन युवकों को बचाने के लिए वहां से गुजर रहे ई-रिक्शा चालक हैदर ने अपनी जान खतरे में डाली। सेक्टर-5 हरौला में रहने वाले हैदर किसी तरह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का गुजर बसर करते हैं। रविवार सुबह काम से निकले थे। जैसे ही उन्हें जानकारी हुई कि तीन युवक संपवेल टैंक में गिर गए हैं वह उन्हें बचाने के लिए बिना कुछ सोचे टैंक में उतर गए।
मोहम्मद बिलाल, नोएडा : संपवेल टैंक में गई गेंद निकालने के दौरान हादसे का शिकार तीन युवकों को बचाने के लिए वहां से गुजर रहे ई-रिक्शा चालक हैदर ने अपनी जान खतरे में डाली। सेक्टर-5 हरौला में रहने वाले हैदर किसी तरह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का गुजर बसर करते हैं। रविवार सुबह काम से निकले थे। जैसे ही उन्हें जानकारी हुई कि तीन युवक संपवेल टैंक में गिर गए हैं, वह उन्हें बचाने के लिए बिना कुछ सोचे टैंक में उतर गए। इससे पहले काफी देर तक उन्होंने पहले पंप आपरेटर बलराम सिंह के साथ बांस के सहारे तीनों को गहरे टैंक में गिरने से रोके रखा। कुछ देर बाद जब हैदर तीनों युवकों को बाहर निकालने के लिए टैंक के अंदर उतरा तो वह भी अचेत हो गया। हैदर के साहस की कई लोगों ने सराहना की है।
बुझ गए घरों के रोशन चिराग :
संदीप व विशाल के मौत से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। सेक्टर-पांच स्थित एक प्लास्टिक की फैक्ट्री में काम करने वाला संदीप अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था। उसकी पांच बहनों की शादी हो चुकी हैं। संदीप की भी कुछ माह बाद शादी होनी थी। इसकी परिवार में तैयारियां भी चल रही थी। संदीप सेक्टर-आठ के हरौला में किराए पर रहने वाली अपनी बहन के साथ रहता था। संदीप के एक बड़े भाई गुजरात में रहते हैं। वहीं मृतक विशाल अपने बड़े भाई विकास के साथ सेक्टर-आठ के उसी मकान में रहता था। वह सेक्टर-11 स्थित एक फैक्ट्री में काम करता था। विकास व संदीप दोनों एक ही बिल्डिंग में रहते थे। दोनों युवकों की मौत से पड़ोसियों व रिश्तेदारों में गम का माहौल है। पड़ोसियों का कहना है कि दोनों युवक काफी मिलनसार थे। हर रविवार की तरह इस बार भी दोनों घरवालों को बिना बताए क्रिकेट खेलने के लिए पार्क गए थे। घटना के बाद पुलिस ने पहले मामले की जानकारी दी। वहीं घटना की जानकारी पर दोनों युवकों के फैक्ट्री मालिक भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।