तीन दिनों में भी नहीं मिल रही कोरोना रिपोर्ट, संदिग्ध परेशान

आरटी-पीसीआर (रियल टाइम पालीमरेज चेन रिएक्शन) जांच बढ़ने के साथ ही इन दिनों जिले में कोरोना संदिग्धों का इंतजार भी बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 10:05 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:05 PM (IST)
तीन दिनों में भी नहीं मिल रही कोरोना रिपोर्ट, संदिग्ध परेशान
तीन दिनों में भी नहीं मिल रही कोरोना रिपोर्ट, संदिग्ध परेशान

जागरण संवाददाता, नोएडा :

आरटी-पीसीआर (रियल टाइम पालीमरेज चेन रिएक्शन) जांच बढ़ने के साथ ही इन दिनों जिले में कोरोना संदिग्धों का इंतजार भी बढ़ गया है। हालत ये है कि तीन दिनों में भी संदिग्धों को कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। जिले में रोजाना 1,000 संदिग्धों की आरटी-पीसीआर जांच हो रही है। इस समय लैब में करीब 2500 संदिग्धों की रिपोर्ट अटकी है। समय पर रिपोर्ट न मिलने से परेशान संदिग्ध इधर-उधर घूमकर कोरोना का संक्रमण बांट रहे हैं। शायद यही वजह है कि कोरोना संक्रमितों के आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

बता दें कि मौजूदा ठंड के मौसम में सांस रोगियों के अलावा कोरोना संक्रमण बढ़ने से शासन से स्वास्थ्य विभाग को आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए गांव-गांव स्टैटिक टेस्टिग सेंटर भी खोलने के आदेश हैं। शासन की मंशा के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग ने आरटी-पीसीआर जांच तो बढ़ा दी है, लेकिन लैब में दबाव बढ़ने से संदिग्धों का इंतजार भी बढ़ गया है।

जिला अस्पताल के पैथोलाजिस्ट डॉ.एचएम लावानिया के अनुसार, जिला अस्पताल में हर दिन 250 एंटीजन व 150 आरटी-पीसीआर जांच होती है। आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के लिए संदिग्ध जिला अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। इसके अलावा तमाम कोविड केंद्रों पर 24 घंटे में 3500 जांच होती है। इनमें 2500 एंटीजन व 1,000 आरटी-पीसीआर जांच है। रिपोर्ट समय पर न मिलने से स्वास्थ्य कर्मचारियों की हालत भी पतली है। संदिग्ध फोन पर रिपोर्ट पता करने के बजाय जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनको समझाना भी बेहद मुश्किल होता है। जिले में अबतक कुल 5,00,319 कोरोना जांच हो चुके हैं। इनमें 3,25,319 एंटीजन व 1,75,000 आरटी-पीसीआर जांच शामिल है। गर्भवती महिलाओं की बढ़ी मुसीबतें

रिपोर्ट न मिलने से सर्वाधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को हो रही है। सरकारी व निजी अस्पताल में प्रसव से पूर्व चिकित्सक कोरोना रिपोर्ट मांग रहे हैं। जिला अस्पताल में हर दिन 20 से 30 गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती है। ऐसे में उन्हें एंटीजन जांच के आधार पर प्रसव कराना पड़ता है। बता दें कि एंटीजन जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रसव करने पर लेबर रूम का स्टाफ कई बार संक्रमित हो चुका हैं और सुविधा बंद करनी पड़ी है। नए रेट पर जांच के लिए नोटिस जारी

सीएमओ डॉ.दीपक ओहरी ने कोरोना जांच के लिए शासन से मिले नए आदेश के अनुसार निर्धारित नए रेट पर आरटी-पीसीआर जांच करने के आदेश दिए हैं। सीएमओ ने सभी प्राइवेट पैथोलाजी लैब को नोटिस जारी कर 700 रुपये में आरटी-पीसीआर जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं घर से सैंपल लेने पर 900 रुपये शुल्क लिया जाएगा। अब तक आरटी-पीसीआर जांच के लिए 1600 रुपये शुल्क लिया जाता था। सभी पैथोलाजी लैब को चेतावनी जारी की गई है कि तय दर से ज्यादा कीमत पर जांच करने की शिकायत पर कठोर कार्रवाई होगी।

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