लाठीचार्ज पर बेकाबू हुए किसान, पुलिसकर्मियों से भिड़े
जागरण संवाददाता नोएडा नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों की समस्या को लेकर प्रदर्शन क
जागरण संवाददाता, नोएडा :
नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर किसानों की समस्या को लेकर प्रदर्शन करने गए किसान उस समय आक्रोशित हो गए, जब प्राधिकरण गेट पर ताला लगाने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। आक्रोशित किसान बेकाबू हो गए, पुलिस से धक्का-मुक्की करने लगे। इस दौरान एडिशनल डीसीपी की वर्दी फट गई, कई महिलाएं व किसान भी चोटिल हो गए। बता दें कि नोएडा प्राधिकरण से मांगों को लेकर भारतीय किसान परिषद के नेतृत्व में दो सितंबर से किसान सेक्टर-पांच स्थित हरौला बरातघर में धरने पर बैठे हैं। सुनवाई नहीं होने पर कई बार प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन कर चुके हैं। कई बार पुलिस, प्राधिकरण, किसानों के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन विफल रही। बावजूद किसान अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर करीब 40 दिन से आंदोलन में डटे हुए हैं। शुक्रवार को प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने दो दिन का समय किसानों को दिया था, जिससे उनकी मांगों पर विचार किया जा सके। इस वादे के तहत सोमवार को किसान प्राधिकरण कार्यालय पर पहुंचे थे, लेकिन कुछ किसान प्राधिकरण अधिकारियों की वादाखिलाफी से नाराज हो गए और आक्रोशित होकर बैरिकेडिग को तोड़ दिया। प्राधिकरण कार्यालय पर जंजीर समेत ताला लगा दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और उसने ताला खुलवाने का प्रयास शुरू किया। इस दौरान किसानों व महिलाओं के साथ उनकी नोकझोंक हुई। कई बार टकराव की स्थिति बनी, लेकिन हालात बिगड़ते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। जैसे ही पुलिस ने लाठीचार्ज किया भगदड़ मच गई। इस दौरान किसानों ने जमकर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की, जिससे कई पुलिस वालों को चोट लग गई, कई की वर्दी फट गई। इसमें कुछ महिलाएं चोटिल भी हुईं।
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सेक्टर-छह में दोपहर बाद मची अफरातफरी
करीब ढाई बजे हजारों की संख्या में किसान शंख व घंटे के साथ प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। किसानों की आने की जानकारी के बाद प्राधिकरण कार्यालय में अफरातफरी का माहौल हो गया। मुख्य रोड पर बने गेट पर पहुंचने और बैरिकेडिग तोड़ने की जानकारी के बाद कार्यालय के सभी गेट बंद कर दिए गए। किसानों को जब कहीं से घुसने का रास्ता नहीं मिला तो गेट नंबर-4 पर ताला जड़ दिया। यह है किसानों की मांग
-आबादी जहां है, जैसी है, उसको वैसे ही छोड़ा जाए।
-पांच फीसद का अतिरिक्त मुआवजा सभी किसानों को दिया जाए।
-जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया है, उनमें जिन लोगों को पांच फीसद का विकसित भूखंड दिया जा चुका है, लेकिन अन्य सदस्य को नहीं मिला, उन्हें लाभ में शामिल किया जाए।
-गांव की नक्शा नीति को समाप्त किया जाए।
-गांव में मकान बनाने के लिए 15 मीटर की जगह 25 मीटर का दायर निर्धारित किया जाए।
-आबादी निस्तारण के लिए 450 मीटर का दायरा बढ़ाकर एक हजार मीटर किया जाए।
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जब तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। प्राधिकरण अधिकारियों को अपनी कार्य शैली में बदलाव लाना ही पड़ेगा।
-सुखवीर खलीफा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय किसान परिषद
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बातचीत से समस्या का हल निकाला जा सकता है, लेकिन उग्र होने से समस्या का हल नहीं होंगी उल्टा दिक्कतें बढ़ेंगी।
-रणविजय सिंह, एडिशनल डीसीपी, नोएडा