मंडल स्तर से होगा उद्यमियों के लंबित भुगतान का निपटारा

ग्रेटर नोएडा सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के उद्यमियों को देरी से भुगतान को लेकर काफी शिकायत रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 10:37 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 10:37 PM (IST)
मंडल स्तर से होगा उद्यमियों के लंबित भुगतान का निपटारा
मंडल स्तर से होगा उद्यमियों के लंबित भुगतान का निपटारा

चंद्रशेखर वर्मा, ग्रेटर नोएडा : सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के उद्यमियों को देरी से भुगतान को लेकर काफी शिकायत रहती है। उनका कहना होता है कि माल की डिलीवरी तो समय से कर देते हैं, लेकिन पैसा कई महीनों तक अटका रहता है। हालांकि, सरकार ने व्यवस्था बनाई है कि 45 दिन के अंदर भुगतान हो जाना चाहिए। इसके लिए कानपुर में फेसिलिटेशन काउंसिल भी बनाया गया है, लेकिन पूरे प्रदेश का भार होने की वजह से सभी उद्यमियों की शिकायतों का निपटारा समय से नहीं हो पाता। नई व्यवस्था के मुताबिक, अब मंडल स्तर पर सेंटर बनाए जाएंगे। उद्यमियों के भुगतान की व्यवस्था भी जिलाधिकारी के माध्यम से कराया जाएगा। इसके बाद पैसा सीधे उद्यमी के खाते में आ जाएगा।

जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त अनिल कुमार ने बताया कि एमएसएमई के उद्यमी आर्डर मिलने के बाद समय से उत्पादों की डिलीवरी तो कर देते हैं। लेकिन समय से भुगतान नहीं मिलता। हालांकि, नियमानुसार 45 दिन में उद्यमी को भुगतान हो जाना चाहिए। इसके बावजूद कई कारणों से रकम फंस जाती है। उद्यमियों के समय से भुगतान से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए कानपुर में फेसिलिटेशन काउंसिल बनाई गई है। इसके अध्यक्ष उद्योग के आयुक्त एवं निदेशक होते हैं। बड़ा प्रदेश होने के कारण एक ही कार्यालय में काफी भार पड़ रहा था। विवादों का निपटारा समय से नहीं हो पा रहा था। प्रदेश सरकार ने अब इस व्यवस्था को डी- सेंट्रलाइज्ड करा दिया है। अब हर मंडल स्तर पर कार्यालय बनाए जाएंगे। गौतमबुद्धनगर का कार्यालय मेरठ में होगा। यहां मंडलायुक्त बैठेंगे।

उन्होंने बताया कि आयुक्त को यह पावर दी गई है कि जिलाधिकारी के जरिये लंबित भुगतान की वसूली कर पाएंगे। जिलाधिकारी राजस्व की तरह पैसे की वसूली करेंगे। पहले यह पैसा फेसिलिटेशन काउंसिल में जाएगा। इसके बाद सीधे उद्यमी के बैंक खाते में आएगा।

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