आइआरपी के विरोध में सड़कों पर उतरे पैरामाउंट के खरीदार

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में पैरामाउंट बिल्डर के दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया के विरोध में बृहस्पतिवार को दर्जनों की संख्या में खरीदार ने इंट्रिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खरीदारों ने बिल्डर के कारपोरेट दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। आईआरपी के बहिष्कार के लिए दफ्तर के गेट पर गो बैक का बैनर तक चस्पा कर दिया। हैरानी की बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब खुद खरीदारों ने एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरक प्रदर्शन किया है, गंभीर आरोपों को लगाया है। जबकि एनसीएलटी को खरीदार-बिल्डर विवाद निपटारे के लिए ही गठित है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 10:12 PM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 10:12 PM (IST)
आइआरपी के विरोध में सड़कों पर उतरे पैरामाउंट के खरीदार
आइआरपी के विरोध में सड़कों पर उतरे पैरामाउंट के खरीदार

जागरण संवाददाता, नोएडा :

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में पैरामाउंट बिल्डर के दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया के विरोध में बृहस्पतिवार को खरीदारो ने इंट्रिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खरीदारों ने बिल्डर के कारपोरेट दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। आइआरपी के बहिष्कार के लिए दफ्तर के गेट पर गो बैक का बैनर तक चस्पा कर दिया। ऐसा पहली बार हुआ है जब खुद खरीदारों ने एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया है। जबकि एनसीएलटी का गठन खरीदार-बिल्डर विवाद निपटारे के लिए किया गया है।

खरीदार मुकुल गर्ग, किशन कुमार, गौरव अग्रवाल, विवेक श्रीवास्तव का आरोप है कि एनसीएलटी और बिल्डर मिलीभगत कर रहे है। सवाल यह है कि महज 1.40 करोड़ रुपये की देनदारी की वजह से एनसीएलटी आइआरपी की नियुक्ति कैसे कर सकता है। जबकि खरीदार तो बिल्डर के विरोध में अभी तक एनसीएलटी तक नहीं गए हैं। खरीदारों ने बताया कि बिल्डर का अपने ही एक वेंडर के साथ करीब 50 लाख रुपये को लेकन विवाद चल रहा है। ऐसे में बिल्डर की वेंडर कंपनी ने एनसीएलटी में शिकायत दर्ज कराई थी। उसी पर फैसला देकर आइआरपी नियुक्त कर दी गई, जो कि उचित नहीं है। अब आइआरपी खरीदारों से फार्म सी भरवा रही है। जिसका मतलब है कि फ्लैट कैंसिल आप का जमा रुपया वापस कराया जाएगा। यह उचित कदम नहीं है। आइआरपी को मूल कंपनी, पैरामाउंट प्रोपबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के मामलों को देखने के लिए नियुक्त किया गया है। आइआरपी के ट्रैक रिकॉर्ड से देखा गया है कि इसे जेपी और आम्रपाली जैसी कंपनियों के साथ नियुक्त किया गया है लेकिन आइआरपी ने अब तक निवेशकों और अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। अब तक किसी भी बायर्स को घर तक नहीं मिल सका है। लिहाजा बृहस्पतिवार को काफी संख्या में खरीदारो ने आइआरपी का विरोध किया। उन्होंने एनसीएलटी का विरोध भी किया। खरीदारों का कहना है कि हमें इन कानूनी पचड़ों में न फंसाया जाए। हमें अपना हक मिलना चाहिए। इसके लिए वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

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यह है आइआरपी

एनसीएलटी की थर्ड पार्टी आइआरपी है। इस कमेटी में कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट का एक पैनल होता है। इस पैनल के सदस्य बिल्डर के कारपोरेट आफिस में बैठ जाते हैं। बिल्डर का काम काज बंद करा देते हैं। इसके बाद वह खुद खरीदारों से संपर्क कर बिल्डर प्रबंधन की तरह समस्या सुनते है। एक फार्म सी भरवाते है। जिससे परियोजना में लगा पैसा उन्हें वापस कराया जा सके।

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परियोजना खरीदार स्थान

पैरामाउंट इमोशन 1800 ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन सेक्टर-एक

पैरामाउंट गोल्फ फोरेस्टिक 3500 ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन जीटा वन

पैरामाउंट फ्लोरा विले 35 नोएडा सेक्टर-137

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