वन मैप तकनीक ने ढूंढ निकाले 400 करोड़ के लापता भूखंड

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वन मैप तकनीक ने शहर के 138

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 07:14 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:14 PM (IST)
वन मैप तकनीक ने ढूंढ निकाले 400 करोड़ के लापता भूखंड
वन मैप तकनीक ने ढूंढ निकाले 400 करोड़ के लापता भूखंड

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वन मैप तकनीक ने शहर के 138 लापता औद्योगिक भूखंड ढूंढ निकाला है, जिनकी कीमत 400 करोड़ रुपये से भी अधिक का अनुमान है। इन भूखंडों के आवंटन से 1500 करोड़ रुपये के निवेश और 4000 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलने का अनुमान है।

प्रदेश में ग्रेटर नोएडा पहला प्राधिकरण है, जिसने वन मैप तैयार कराया है। सिगापुर की तर्ज पर बने इस वन मैप में शहर से जुड़ी हर एक जानकारी दी गई है। प्राधिकरण ने ट्रायल के रूप में इसका बीटा वर्जन शुरू कर दिया है, ताकि आमजन का फीडबैक मिल सके। इसका औपचारिक शुभारंभ बाद में मुख्यमंत्री करेंगे, लेकिन ट्रायल में ही इसके बेहतर परिणाम आने लगे हैं। इसके जरिये प्राधिकरण को सेक्टर ईकोटेक छह व 11 में करीब 138 (54 भूखंड पहले और 84 अब) औद्योगिक लापता भूखंड मिले हैं। प्राधिकरण सीईओ नरेंद्र भूषण खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने उद्योगों के साथ ही संस्थागत, आइटी, रिहायश और वाणिज्यिक विभागों को वन मैप के जरिये भूखंडों की छानबीन करने के निर्देश दिए हैं।

ऐसे छूटे भूखंड : प्राधिकरण का मानना है कि ये वे भूखंड हैं, जो किसी स्कीम में के होंगे। किसी कारण आवंटित नहीं हुए। इन भूखंडों को किसी दूसरी स्कीम में शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के चले जाने से ये छूट गए। अब वन मैप के जरिये प्राधिकरण को ये मिले हैं।

सिगल प्वाइंट डाटा कलेक्शन पर करता है काम : वन मैप सिगल प्वाइंट डाटा कलेक्शन पर काम करता है। इसने सभी विभागों का डाटा एक जगह कर दिया है। ये लेआउट और एमआइएस (मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम) के डाटा से मिलान करता है, जिन भूखंडों का मिलान नहीं हो पाता उनको खाली भूखंडों की सूची में डाल देता है।

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