आफलाइन व आनलाइन कक्षा की उलझन में फंस रहे शिक्षक
जागरण संवाददाता नोएडा कोरोना काल में सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए कक्षा 9 से 1
जागरण संवाददाता, नोएडा :
कोरोना काल में सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। इस बीच एक तरफ विद्यार्थियों के लिए स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है, अभिभावक बच्चों को कोरोना के डर से स्कूल भेजने के कतरा रहे हैं। वहीं स्कूलों में शिक्षक आफलाइन और आनलाइन कक्षा के बीच परेशान हो रहे हैं। स्कूल में नियमित कक्षा संचालित करने के बाद घर जाकर आनलाइन कक्षा लेना शिक्षकों पर अधिक बोझ डाल रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को उठानी पड़ रही है, क्योंकि वहां पहले से शिक्षकों की संख्या कम है ऐसे में एक विषय को पढ़ाने के लिए दो शिक्षकों की ड्यूटी लगाना भी असंभव है।
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स्कूल तो खुले पर कम आ रहे बच्चे, आनलाइन कक्षा भी हो रही प्रभावित
सेक्टर 12 स्थित राजकीय इंटर कालेज की शिक्षिका डॉ अंजु रानी बताती हैं कि स्कूल खुले चार दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक मुश्किल से 15 फीसद विद्यार्थी ही स्कूल पहुंच रहे हैं। वह बताती हैं कि सुबह 8:45 बजे से दोपहर 3:20 बजे तक स्कूल में कक्षा लेने के बाद, घर जाकर बच्चों की आनलाइन कक्षा लेना काफी मुश्किल होता है। इससे शिक्षकों का ही नहीं बल्कि घर बैठे छात्रों की भी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। वह बताती हैं कि स्कूल में बच्चे बहुत कम आ रहे हैं, इसके अलावा ऐसी सुविधा भी नहीं है कि एक साथ आफलाइन और आनलाइन कक्षा संचालित की जा सके। संस्कृत की शिक्षिका अंजु बताती हैं कि वह कक्षा 11वीं और 12वीं को पढ़ाती हैं और उनके विषय का दूसरा कोई शिक्षक नहीं है। ऐसे में उन्हें दोनों कक्षाओं की आनलाइन और आफलाइन कक्षा में पढ़ाते हुए कई बार 10 घंटे बीत जाते हैं। वह बताती हैं कि मौजूदा स्थिति में सरकार की तरफ से जरूरतमंद छात्रों को मोबाइल व इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए ताकि वह सुरक्षित रहकर पढ़ाई कर सकें।
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एक दिन में एक कक्षा के विद्यार्थियों को बुलाया जाए नोएडा के एक निजी स्कूल की शिक्षिका प्रीति मिश्रा बताती हैं कि कोरोना काल में स्कूल खुलने पर अभिभावक जितने डरे हुए हैं उतना ही शिक्षकों को भी कोरोना का डर सता रहा है। वह बताती हैं कि स्कूल में आनलाइन व आफलाइन कक्षा संचालित करने में एकसाथ दोनों बच्चों को पढ़ाने में भी कई तकनीकी समस्याएं आती हैं। शिक्षकों को घर से भी आनलाइन कक्षा लेने के बाद आनलाइन कापियां जांचनी और रिपोर्ट तैयार करनी होती है। ऐसे में सरकार को फिलहाल सभी कक्षा के छात्रों को एकसाथ बुलाने के बजाय एक सप्ताह में एक कक्षा के छात्रों के लिए समस्या निवारण कक्षाएं चलानी चाहिए। यह दोनों के लिए लाभकारी रहेगा।