सिर्फ नोटिस भेजकर खानापूर्ति करता रहा प्राधिकरण, उजड़ता रहा ग्रीन एरिया

नोएडा प्राधिकरण के साथ सांठगांठ कर किस कदर बिल्डरों की ओर से मनमानी की जा रही है। इसका ताजा ताजा उदाहरण सेक्टर-120 स्थित आम्रपाली जोडिएक में देखने को मिला है। जहां पर प्राधिकरण ने दो दिन में 12 दुकानों को ध्वस्त किया। यह कार्रवाई भी तब की गई जब प्राधिकरण प्रतिदिन सुप्रीम कोर्ट का आम्रपाली के प्रति रूख दे रखा है। जबकि पूरे मामले की हकीकत यह है कि पिछले दो वर्ष से यहां के लोग खुद प्राधिकरण के पास शिकायत कर रहे थे, लेकिन बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की गई है। जबकि बिल्डर ने ओपन एरिया में बेसमेंट के अंदर पिलर खड़ा कर दुकानों का निर्माण कराया था। पूरे प्रकरण में हैरानी बात यह रही कि प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर दावा किया जा रहा है कि बिल्डर को खुद अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए पिछले छह माह में 20 नोटिस जारी किया गया। उसके बाद भी बिल्डर ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही अवैध दुकानों का ध्वस्त किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 12:17 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 12:17 AM (IST)
सिर्फ नोटिस भेजकर खानापूर्ति करता रहा प्राधिकरण, उजड़ता रहा ग्रीन एरिया
सिर्फ नोटिस भेजकर खानापूर्ति करता रहा प्राधिकरण, उजड़ता रहा ग्रीन एरिया

कुंदन तिवारी, नोएडा :

नोएडा प्राधिकरण के साथ साठगांठ कर किस कदर बिल्डरों की ओर से मनमानी की जा रही है। इसका ताजा उदाहरण सेक्टर-120 स्थित आम्रपाली जोडिएक में देखने को मिला है। यहां ग्रीन एरिया में बनी 12 दुकानों को प्राधिकरण ने दो दिन में ध्वस्त किया। यह कार्रवाई भी तब की गई जब प्राधिकरण प्रतिदिन सुप्रीम कोर्ट का आम्रपाली के प्रति रुख देख रहा है। जबकि पूरे मामले की हकीकत यह है कि पिछले दो वर्ष से यहां के लोग खुद प्राधिकरण के पास शिकायत कर रहे थे, लेकिन बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं की गई है। जबकि बिल्डर ने ओपन एरिया में बेसमेंट के अंदर पिलर खड़ा कर दुकानों का निर्माण कराया था। पूरे प्रकरण में हैरानी की बात यह रही कि प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि बिल्डर को खुद अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए पिछले छह माह में 20 नोटिस जारी किया गया। उसके बाद भी बिल्डर ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही अवैध दुकानों का ध्वस्त किया।

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प्राधिकरण-बिल्डर की साठगांठ उजागर

प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक सभी दुकानों के दोनों तरफ रास्ते देकर सोसायटी पीछे बनाई गई थी। यहां पर नोएडा प्राधिकरण की ओर से सर्फाबाद की ओर सड़क का निर्माण कराया जाना है। यह सड़क अभी प्रस्तावित है, जिसकी जानकारी बिल्डर को भली भांति थी। तभी दोनों तरफ रास्ते देकर दुकानों का निर्माण कराया। इससे यह तो तय है कि बिल्डर को उस तरफ बनने वाली सड़क की संपूर्ण जानकारी थी। जो अभी तक बनाई ही नहीं गई है। जिसने अपने आप में बड़ा सवाल लोगों के सामने खड़ा कर दिया है।

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दूसरे दिन भी जमकर गरजा पीला पंजा

आम्रपाली समूह के खिलाफ प्राधिकरण के पीले पंजे की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। दोपहर डेढ़ बजे प्राधिकरण के जेसीबी की गड़गड़ाहट ठंडी पड़ी। तब तक अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा चुका था। कार्यवाई के दौरान कुल 12 दुकानों को ध्वस्त किया गया। इसमें चार दुकानें लोहे की बनी हुई थी।

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प्राधिकरण पुलिस और बिल्डर ठेकेदार में हुई झड़प

प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक कार्रवाई के बाद बहुत ही चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि बिल्डर ने ओपन एरिया कवर कर जिन दुकानों का निर्माण किया था। इनका ठेका तक जारी कर दिया था। इसको एक ठेकेदार देख रहा था। जिसने अधिकांश दुकानों में कबाड़ भर रखा था। कार्रवाई के दौरान प्रवर्तन टीम से उलझ पड़ा। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने जब सरकारी काम में बाधा डालने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी तब जाकर वह शांत हो सका।

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शिकायत पर प्राधिकरण नहीं लेता संज्ञान

निवासियों के मुताबिक करीब दो साल से सोसायटी से प्राधिकरण के पास ओपन एरिया कवर कर अवैध दुकानों के निर्माण की शिकायत की जा रही थी, इसकी भली भांति जानकारी प्राधिकरण के नियोजन विभाग के पास थी, नियोजन विभाग के नोटिस से बि¨ल्डग बायलॉज एक्ट के उल्लघंन की बात की पुष्टि हुई है। सोसायटी के नक्शे में यह जगह ओपन एरिया है फिर कैसे बिल्डर ने मनमाने ढंग से उस जगह पर 12 दुकानें बना दी। प्राधिकरण की टीम क्या कर रही थी।

पहली बार किसी बिल्डर पर प्राधिकरण ने की कार्रवाई

बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे प्राधिकरण के वर्क सर्कल-6 की टीम मौके पर पहुंच गई और शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक कार्रवाई की गई। करीब छह माह पहले प्राधिकरण के नियोजन विभाग की टीम ने निरीक्षण के बाद यह रिपोर्ट जारी की थी कि ओपन एरिया में अवैध ढंग से दुकानें बनाई गई है, इसकी पुष्टि की गई। इससे पहले किसी सोसायटी या बिल्डर कॉलोनी पर प्राधिकरण ने इतने बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की है।

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बेसमेंट से पिलर निकालकर बनाई थी दुकानें

दुकानों को बनाने के लिए बिल्डर ने बेसमेंट से पिलर निकाले थे। जिनको ध्वस्त करने में प्राधिकरण को काफी समय लग गया। साथ ही मलबा भी एकत्रित हो गया। प्राधिकरण की टीम की ओर से अब मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य सोसायटी जहां भी अवैध निर्माण किया गया उनको भी ध्वस्त करने की योजना प्राधिकरण की ओर से की जा रही है।

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150 कर्मचारियों की देनी होगी सैलरी

ध्वस्तीकरण में 150 कर्मचारी, पांच जेसीबी, एक पोकलेन, ड्रील मशीन के अलावा तमाम सामान का प्रयोग किया गया। नोटिस के जरिए प्राधिकरण ने स्पष्ट कर दिया था कि बिल्डर खुद ही अवैध निर्माण ध्वस्त कर ले अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण ध्वस्त करने के साथ खर्चे भी वसूल करेगा। दो दिन में कितना खर्चा हुआ इसका आकलन प्राधिकरण की ओर से किया जा रहा है। इसका नोटिस बिल्डर को दिया जाएगा ताकि खर्चे की भरपाई की जा सके।

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