जमीन अधिग्रहण से पहले बन रहे मकान, पुनर्वास बजट पर होगा असर
संवाद सहयोगी जेवर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए छह गांवों में 1365
संवाद सहयोगी, जेवर : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए छह गांवों में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। इन गांवों में सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट (एसआइए) का काम पूरा हो चुका है, लेकिन गांवों में हो रहा निर्माण जमीन अधिग्रहण में प्रशासन के लिए परेशानी बढ़ा सकता है। विस्थापन एवं पुनर्वास के बजट पर इसका सीधा असर पड़ेगा। जमीन अधिग्रहण को देखते हुए प्रशासन ने इन गांवों में जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है।
जमीन अधिग्रहण के एवज में किसानों को मुआवजा मिलता है। इसके साथ ही आबादी का विस्थापन होने पर पुनर्वास व व्यवस्थापन के लाभ भी दिए जाते हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए अधिगृहीत की गई 1334 हेक्टेयर जमीन के एवज में किसानों को मुआवजे के अलावा नौकरी के एवज में प्रत्येक बालिग सदस्य को एक मुश्त पांच लाख रुपये, मकान के एवज में क्षेत्रफल का 50 फीसद भूखंड पुनर्वास के लिए दिए गए हैं। इसके अलावा संपत्ति का मुआवजा भी प्रभावित किसानों को दिया गया है। पहले चरण की जमीन अधिग्रहण से 3003 परिवार प्रभावित हुए हैं। इन परिवारों का पुनर्वास जेवर बांगर में किया गया है।
एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए रन्हेरा, कुरैब, दयानतपुर, बीरमपुर, करौली बांगर व मुढरह गांव की 1365 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जा रही है। जमीन अधिग्रहण से इन गांवों की आबादी भी प्रभावित होगी। अधिक से अधिक मुआवजा पाने के लिए ग्रामीण जमीन पर नए मकानों के निर्माण में जुटे हुए हैं। ढांचागत संरचना बढ़ने से पुनर्वास के लिए अधिक बजट की जरूरत पड़ेगी। बॉक्स
जमीन की खरीद फरोख्त पर प्रशासन की रोक
जिन गांवों में जमीन अधिग्रहण होना है उन गांवों में जमीन अधिग्रहण पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। एसडीएम जेवर रजनीकांत ने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित गांव में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक है।