यमुना एक्सप्रेस वे पर रफ्तार व लापरवाही लील चुकी है कई जानें
यमुना एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार व लापरवाही पहले भी कई लोगों के घर
मुस्तकीम खान, दनकौर :
यमुना एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार व लापरवाही पहले भी कई लोगों के घर उजाड़ चुकी है। इसके बावजूद कोई सबक सीखने को तैयार नहीं हैं। रविवार को भी कार की तेज रफ्तार और लापरवाही दो लोगों की मौत का कारण बनी।
यमुना एक्सप्रेस वे पर हलके वाहनों के लिए सौ किमी प्रति घंटा की रफ्तार तय है, लेकिन चालक इसकी जमकर अनदेखी करते हैं। तेज रफ्तार वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई के बावजूद तेज रफ्तार पर अंकुश नहीं लग सका है। रविवार को जिस होंडा सिविक कार ने ट्रेवलर में टक्कर मारी, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उसकी रफ्तार काफी तेज थी। हादसे का शिकार हुए दोनों व्यक्ति की लापरवाही भी उनकी जान पर भारी पड़ी।
एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार से गुजरते वाहनों को देखने के बावजूद दोनों ट्रेवलर से उतर कर उस ओर जा खड़े हुए, जहां से तेज रफ्तार वाहन गुजर रहे थे और उनकी चपेट में आ गए। एक्सप्रेस वे पर इस तरह के कई हादसे पूर्व में हो चुके हैं।
एक्सप्रेस वे पर नजदीक खड़े होने से हुए हादसे
सात अगस्त की रात दिल्ली के विकासपुरी निवासी कंचन शर्मा (64) व उनका इकलौता इंजीनियर बेटा भास्कर शर्मा (29) व भतीजी भव्या शर्म (21) और दिल्ली पुलिस में दारोगा पूनम शर्मा की कार में पंक्चर हो गया था। भास्कर शर्मा कार का टायर बदल रहे थे। अन्य लोग यमुना एक्सप्रेसवे पर उसके पास खड़े थे। इसी दौरान अज्ञात कैंटर ने सभी को कुचल दिया था। हादसे में पूनम शर्मा ही जीवित बची थीं।
-11 सितंबर की सुबह हाथरस जिले के सिकंदरा निवासी नईम अपनी पत्नी रुबीना, साली रीना, मुस्कान व दो छोटे बच्चों व कार चालक फारुख के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गाजियाबाद जा रहे थे। दनकौर क्षेत्र स्थित गलगोटिया विश्वविद्यालय के सामने उनकी कार पंक्चर हो गई। टायर बदलते समय तेज रफ्तार कैंटर ने जोरदार टक्कर मार दी थी। घटना में फारूक की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे में अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए थे।