UP Lease Back Scam: योगी सरकार का बड़ा एक्शन, नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव हरीश चंद्र बर्खास्त

UP Lease Back Scam मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करते हुए एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। 2008 में नोएडा प्राधिकरण में तैनात प्रशासनिक अधिकारी को बर्खास्त करने का फैसला किया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 10:18 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 10:18 AM (IST)
UP Lease Back Scam: योगी सरकार का बड़ा एक्शन, नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव हरीश चंद्र बर्खास्त
UP Lease Back Scam: योगी सरकार का बड़ा एक्शन, नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सचिव हरीश चंद्र बर्खास्त

नोएडा, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करते हुए एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। 2008 में नोएडा प्राधिकरण में तैनात प्रशासनिक अधिकारी को बर्खास्त करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की स्वीकृति के बाद नियुक्ति विभाग इसका औपचारिक आदेश जारी करेगा। प्राधिकरण में तैनाती के दौरान तत्कालीन सचिव हरीश चंद्र पर लीज बैक घोटाला करने का आरोप लगा था। सूत्रों के मुताबिक यह घोटाला 3,800 करोड़ रुपये के आसपास का था, जिसकी जांच रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने शासन को प्रेषित की थी। इसके अलावा अगस्त 2018 में भी रिटायर्ड कर्नल के साथ हुए विवाद में भी वह सुर्खियों में रहे।

दरअसल, प्राधिकरण में लीज बैक करने के नाम पर वर्ष 2011 में हुए घोटाले में तीन लाख इक्यासी हजार वर्गमीटर से अधिक जमीन नियमों को दरकिनार कर बाहरी लोगों समेत तीन निजी कंपनियों के नाम कर दी गई। अंतर विभागीय जांच में पर्दाफाश हुआ था कि गांव के गैर निवासी व निजी कंपनियों को 175 वर्गमीटर से 15,340 वर्गमीटर के भूखंडों की लीज बैक की गई। एक्सप्रेस-वे पर शहदरा गांव के पास स्थित इस जमीन की कीमत बाजार दर के हिसाब से 3800 करोड़ रुपये आंकी गई थी। लीज बैक के नियमों का उल्लंघन कर जमीन दिए जाने के मामले में उस दौरान प्राधिकरण के नायब तहसीलदार मनोज कुमार को तत्काल कार्यमुक्त कर दिया गया है। वहीं घोटाले को अंजाम देने के आरोप में तत्कालीन प्राधिकरण सचिव हरीश चंद और तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी (लैंड) अजय श्रीवास्तव को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की गई थी। लीज बैक के नाम पर इन नियमों का हुआ था उल्लंघन गांव के किसानों के नाम होती है लीज बैक। बाहरी लोगों को लीज बैक का नहीं है प्रावधान। लीज बैक के रूप में किसानों को एक परिवार के नाम पर अधिकतम 450 वर्ग मीटर जमीन दी जाती है। बाहरी लोगों के साथ तीन निजी कंपनियों के नाम एकमुश्त रूप से की गई लीज। नियमों का उल्लंघन कर तीन लाख 81 हजार 527 वर्ग मीटर जमीन की कर दी गई लीज बैक। शहदरा के पास एक्सप्रेस-वे सटे सेक्टर 140 ए, 141, 142 व 143 की जमीन की हुई लीज बैक। 45 से 75 मीटर चौड़े रोड पर दी गई जमीन का बाजार मूल्य है 3,800 करोड़

मामला संज्ञान में आया है। जब तक ऑफिशियल पत्र नहीं आता कुछ नहीं कहा जा सकता। -प्रवीण मिश्र, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण

मुजफ्फरनगर में एडीएम पद पर रहने के दौरान रिटायर्ड कर्नल से हुआ था विवाद

अगस्त 2018 में रिटायर्ड कर्नल को फर्जी मामले में जेल भेजवाना मुजफ्फरनगर के एडीएम हरीश चंद्र को भारी पड़ गया था। मामले में संज्ञान लेते हुए शासन ने एडीएम को निलंबित कर दिया। साथ ही इनके द्वारा किए गए सेक्टर-29 स्थित घर में अवैध निर्माण को भी ढहाया गया था। हरीश चंद्र नोएडा के सेक्टर-29 में पहली मंजिल पर रहते थे। भूतल पर रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान रहते थे। एडीएम अपने घर पर अवैध निर्माण करा रहे थे। इसे लेकर दोनों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था। 14 अगस्त को कर्नल के पार्क में टहलते वक्त एडीएम की पत्नी ने उन्हें गुंडा कह दिया था। कर्नल ने इसका विरोध जताया तो दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। आरोप लगा कि एडीएम ने 14 अगस्त को अपनी कुर्सी की हनक में थाना सेक्टर-20 में कर्नल के खिलाफ पत्नी से छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट के तहत न केवल एफआइआर दर्ज करवाई, बल्कि पुलिस पर दबाव बनाकर कर्नल को हथकड़ी लगवाकर जेल भी भेजवा दिया। हालांकि कुछ दिन बाद ही उन्हें जमानत मिल गई । इसके बाद नोएडा में हजारों की संख्या में रह रहे भूतपूर्व सैन्यकर्मी कर्नल के बचाव में एकजुट हो गए। सैन्यकर्मियों के विरोध पर तत्कालीन एसएसपी ने उस समय के थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक और क्षेत्रधिकारी को पहले ट्रांसफर किया, फिर बाद में पद से हटा दिया। इतना ही नहीं दो दिन बाद नोएडा पुलिस ने कर्नल की शिकायत पर एडीएम, उनकी पत्नी व बेटे समेत सात लोगों पर रिपोर्ट भी दर्ज कर ली।

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