UP Election 2022: वेस्ट यूपी में गुर्जरों पर योगी आदित्यनाथ ने लगाया दांव, बताया जा रहा जाटों का तोड़
जाट लैंड कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर की महापंचायत में किसान नेताओं ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट से चोट देने का एलान किया था जिसके बाद किसान आंदोलन और जाट वोट की काट की तलाश में जुटी भाजपा अब गुर्जर समुदाय को साधने में जुटी है।
ग्रेटर नोएडा/दादरी [मोहम्मद बिलाल]। आगामी वर्ष-2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुट गई है। जाट लैंड कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर की महापंचायत में किसान नेताओं ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट से चोट देने का एलान किया था, जिसके बाद किसान आंदोलन और जाट वोट की काट की तलाश में जुटी भाजपा अब गुर्जर समुदाय को साधने में जुटी है। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिटके जाटों का तोड़ भाजपा गुर्जर नेताओं के रूप में देख रही है।
दादरी में मिहिर भोज के नाम पर बने पीजी कालेज में उनकी 15 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया है। जानकारी के मुताबिक यह प्रतिमा दो साल पहले ही बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसका अनावरण नहीं हो पाया था। जहां सपा विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम और यादव के साथ गुर्जरों का गठजोड़ करने की कोशिश में लगी है, तो वहीं भाजपा ने गुर्जरों को साधने का प्रयास किया है।
कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में हैं गुर्जर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम, जाट, गुर्जर और ठाकुर मतदाताओं की संख्या अधिक हैं। इस इलाके में बाह्मण, त्यागी और ठाकुर को भाजपा का परंपरागत वोट माना जाता है। वही गुर्जर समुदाय के मतदाता किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। गाजियाबाद, नोएडा, दादरी, जेवर, सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, संभल, मेरठ, लोनी, अमरोहा, हापुड़, बुलंदशहर,बागपत, शामली, बरेली व शाहजहांपुर आदि कई जिले की कई सीटों पर गुर्जर समुदाय निर्णायक भूमिका में है। इसलिए भाजपा वोटों को सहेज कर रखना चाहती है। नाराज जाट के बीच गुर्जर मतदाता भाजपा के लिए संजीवनी साबित हो सकते हैं।