Noida Air Pollution News: वायु प्रदूषण से नोएडा का हाल भी बेहाल, सांस के रोगी परेशान; आंखों में बढ़ी जलन

Noida Air Pollution News प्रदूषण बढ़ने से नोएडा शहर पिछले तीन से प्रदूषण की चादर से लिपटा नजर आ रहा है। वाहनों से निकलने वाला धुआं कंस्ट्रक्शन साइट से उड़ने वाली धूल एवं पंजाब हरियाणा में जलाई जा रही पराली से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 11:53 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 11:53 AM (IST)
Noida Air Pollution News: वायु प्रदूषण से नोएडा का हाल भी बेहाल, सांस के रोगी परेशान; आंखों में बढ़ी जलन
नोएडा शहर में हुआ प्रदूषण में इजाफा।

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। Noida Air Pollution News: पंजाब और हरियाण में पराली जलाए जाने के साथ ही स्थानीय कारकों के चलते दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा में शनिवार सुबह 10 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) पीएम-10 का औसत स्तर 346 दर्ज किया है। यह गत शुक्रवार के मुकाबले 412 से 66 अंक कम है, लेकिन प्रदूषण अभी भी बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। सुबह से शहर प्रदूषण की चादर एवं धुंध से लिपटा हुआ है। धूप निकलने के बाद भी आसमान में प्रदूषण साफ तौर पर देखा जाता सकता है।

सीपीसीबी के सेक्टर-1 में लगे माप यंत्र के मुताबिक पीएम-10 का अधिकतम स्तर 487 के करीब रहा। यह प्रदूषण की खतरनाक श्रेणी है। वहीं पीएम-2.5 का औसत स्तर 338 व अधिकतम स्तर 500 पार रहा। हवा में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा अभी अधिक रही। नाइट्रोजन डाय ऑक्साइड (एनओ-2) का औसत मात्रा-165, अमोनिया (एनएच-3) का औसत स्तर 16, कार्बन डाइ आक्साइड (सीओ-2) का औसत स्तर 17 व कार्बन मोनो आक्साइड (सीओ) का औसत स्तर 125 दर्ज किया गया। इस सप्ताह से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।

वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सांस रोगियों के साथ ही आंख में जलन की समस्या होने लगी है। प्रदूषण बढ़ने से न्यूनतम दृश्यता भी घटी है। प्रदूषण बढ़ने से नोएडा शहर पिछले तीन से प्रदूषण की चादर से लिपटा नजर आ रहा है। वाहनों से निकलने वाला धुआं, कंस्ट्रक्शन साइट से उड़ने वाली धूल एवं पंजाब, हरियाणा में जलाई जा रही पराली से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। गिरता तापमान और बढ़ता नमी का स्तर का भी प्रदूषण का कारण बना है। नमी बढ़ने से वातावरण में प्रदूषण कण निचली सतह पर जमा हो गए हैं। सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फार कास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक हवा की रफ्तार 6 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास रहने से प्रदूषक तत्व सतह पर जमा हो गए है।

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