गौतमबुद्धनगर जिले में रात्रि कालीन कर्फ्यू के समय में बदलाव, यूपी सरकार ने जारी किए आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने रात के कर्फ्यू के समय में एक घंटे की और ढील दी है। जिन जिलों में ढील दी गई है उनमें गौतमबुद्धनगर जिला भी शामिल है। अब गौतमबुद्धनगर में रात्रि कालीन कर्फ्यू 11 बजे से शुरू होकर सुबह छह बजे खत्म होगा।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 02:10 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 02:22 PM (IST)
गौतमबुद्धनगर जिले में रात्रि कालीन कर्फ्यू के समय में बदलाव, यूपी सरकार ने जारी किए आदेश
सरकार ने दी रात्रि कालीन कर्फ्यू के समय में एक घंटे की ढील

नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश सरकार ने रात के कर्फ्यू के समय में एक घंटे की और ढील दी है। जिन जिलों में ढील दी गई है उनमें गौतमबुद्धनगर जिला भी शामिल है। अब गौतमबुद्धनगर में रात्रि कालीन कर्फ्यू 11 बजे से शुरू होकर सुबह छह बजे खत्म होगा। यह रात्रि कालीन रोजाना लागू रहेगा। पहले यह रात में दस बजे से लागू होता था।

शासनादेश के अनुसार, फेस मास्क, दो गज की दूरी समेत अन्य दिशानिर्देश पहले की तरह लागू रहेंगे। प्रत्येक बाजार में पूर्व में निर्धारित बंदी यथावत लागू रहेगी।

 बता दें कि रात में नौकरी करके घर जाने वालों को कोई परेशानी नही होगी। जरुरी सेवाओं वालों को भी इससे छूट मिलेगी।

जिले में सोमवार को एक संक्रमित मिला

 गौतमबुद्धनगर जिले में कोरोना संक्रमण से स्थिति काफी सुधरी है। जिले में सोमवार को मात्र एक कोरोना का मामला सामने आया, जबकि एक स्वस्थ हो गया। अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 63,275 हो गया है। इनमें 62,788 स्वस्थ हो चुके जबकि 466 की मौत हो चुकी है।

लक्ष्य से अधिक 15.94 लोगों को लगाई जा चुकी है पहली डोज

जिले में पहली डोज का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग पूरा कर चुका है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिले में बाहरी लोग भी टीकाकरण के लिए पहुंच रहे है। अभी तक 15.94 लाख लोगों को पहली व 5.52 लाख लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है, जबकि पहली डोज का लक्ष्य 15.89 लाख था।

कोरोना टीकाकरण महा अभियान के तहत सोमवार को केंद्रों पर अपेक्षा से अधिक लोगों की भीड़ रही। अस्थायी केंद्रों पर बिना स्लाट टीका लगवाने के लिए सुबह आठ बजे से ही केंद्रों पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई। दोपहर तक अभियान का लक्ष्य पूरा हो गया। 121 केंद्रों पर 22 हजार 505 लोगों को टीका लगा।

सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में स्लाट की अनिवार्यता होने के बावजूद सुबह दस बजे तक 200 लोगों को टीका लग चुका था। कुछ लोग यहां बिना स्लाट टीका लगवाने पहुंचे, लेकिन उन्हें वापस लौटा दिया गया।

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