नोएडा में किडनी बेचने वाले बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपित गिरफ्तार

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि फरार आरोपित ट्रैवल एजेट अब्दुल मनान द्वारा बांगलादेशी नागरिकों की किडनी व अन्य ओर्गन ट्रांसप्लान्ट कराने के लिये डोनर को रूपयों का लालच देकर मरीज व डोनर के मध्य रिश्तेदारी के फर्जी कागजत तैयार कर ट्रांसप्लान्ट के लिए जिले में लाते था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 04:32 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:40 PM (IST)
नोएडा में किडनी बेचने वाले बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपित गिरफ्तार
मामले में तीन आरोपित फरार है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। नोएडा पुलिस ने किडनी के सौदागर बांग्लादेशी गिरोह का पर्दाफाश किया है। एक बांग्लादेशी नागरिक पैसों के लालच में फर्जी दस्तावेज के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नोएडा पहुंचा था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने गिरोह का राजफाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित की पहचान बांग्लादेश के स्लेट शहर में रहने वाले अहमद शरीफ के रूप में हुई है। पुलिस ने मामले में बिचौलिये सिवान (बिहार) निवासी बाजुलहक को भी गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना एक ट्रैवल एजेंट है जो इस समय बांग्लादेश में है।

आरोपित अहमद शरीफ किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 22 दिसंबर को नोएडा आया था। उसके साथ बांग्लादेश के रहने वाले मोहम्मद कबीर हुसैन व उनके भाई मोहम्मद सगीर भी पहुंचे थे। अहमद शरीफ को मोहम्मद कबीर को किडनी देनी थी। इसलिए तीन बांग्लादेशी आपस में रिश्तेदार बनकर भारत पहुंचे थे। यहां उनकी मुलाकात दिल्ली के शाहीन बाग में रहने वाले गिरोह के सदस्य बाजुलहक से हुई। बाजुलहक ने मदद से सेक्टर-71 एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे।

किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सेक्टर-62 स्थित निजी अस्पताल में खून व दूसरी जांच कराई। कुछ दिन बाद ही ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन सोमवार को अहमद का बाजुलहक से पैसों को लेकर विवाद हो गया। अहमद ने किडनी ट्रांसप्लांट नहीं कराने की बात कहकर पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस ने मामला अंग प्रत्यारोपण से जुड़ा होने से जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से संपर्क साधा। स्वास्थ्य विभाग के साथ जब मिल जांच की, तो पूरे मामले का राजफाश हुआ। एसीएमओ (प्रशासन) डॉ. शशि ने आरोपितों के खिलाफ फेस-3 पुलिस में शिकायत की। जिसके आधार पर शुक्रवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

चार लाख में हुआ था सौदा

गिरोह का सरगना बांग्लादेशी ट्रैवल एजेंट अब्दुल मनान है। जिसने फर्जी दस्तावेज व मेडिकल वीजा देकर आरोपित अहमद को भारत भेजा था। किडनी डोनेट करने के लिए चार लाख रुपये दिए थे। वहीं किडनी लेने वाले कबीर हुसैन से लाखों रुपये वसूले गए थे। अब्दुल ने किडनी देने व लेने वालों के मध्य रिश्तेदारी के फर्जी कागजात तैयार किए थे। रिसीवर व डोनर के पासपोर्ट पर मेडिकल वीजा अन्य शहरों का बनवाया गया, लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट का काम नोएडा के एक निजी अस्पताल में होना था। पुलिस को कबीर हुसैन व उनके भाई मोहम्मद सगीर की भूमिका संदिग्ध मिली है। जांच में सामने आया है कि आरोपित अब्दुल ने दो माह पूर्व भी एक व्यक्ति का किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नोएडा भेजा था।

डीसीपी सेंट्रल नोएडा हरीश चंदर ने बताया कि बांग्लादेश से व्यक्ति को लाकर किडनी ट्रांसप्लांट कराने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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