वायु प्रदूषण को खत्म करने के लिए परिवहन व यातायात विभाग कर रहा वाहनों की चेकिंग

उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी ने सभी विभागों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए आदेश दिए थे। सभी अपने-अपने स्तर से प्रदूषण को खत्म करने के प्रयास में जुटे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 01:53 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 01:53 PM (IST)
वायु प्रदूषण को खत्म करने के लिए परिवहन व यातायात विभाग कर रहा वाहनों की चेकिंग
एक सप्ताह में परिवहन विभाग ने सिर्फ 150 वाहनों का ही किया चालान, 55 हजार वसूले।

आशीष धामा, नोएडा। भले ही सर्दियों में धूल और धुएं से हवा को आजाद कराने के लिए परिवहन विभाग, यातायात, प्राधिकरण व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर काम कर रहा हो, लेकिन शहर की सड़कों पर अभी भी बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के हजारों वाहन दौड़ रहे हैं। इसके अलावा जर्जर वाहनों पर भी विभागीय अधिकारी रोक लगाने में असमर्थ हैं, नतीजन शहर में हवा गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है। जबकि एक सप्ताह में परिवहन विभाग ने सिर्फ 630 वाहनों की चेकिंग की और 150 वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर चालान किया है।

शहर की खराब आबोहवा को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीन कुमार ने यातायात व परिवहन विभाग को बिना प्रदूषण दौड़ रहे वाहनों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। बता दें कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी छोटे व बड़े वाहनों की प्रदूषण जांच अनिवार्य है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया था। आदेश के वक्त परिवहन व यातायात विभाग ने भी सख्ती बरती थी, लेकिन वर्तमान समय में जांच को लेकर वाहन मालिक रूचि नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है कि परिवहन विभाग भी अब बिना प्रदूषण जांच के दौड़ रही वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।

उधर, जिले की आबोहवा खराब होती जा रही है। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए तीन दिन पहले ही प्रदूषण विभाग के मांगने पर परिवहन विभाग ने अपनी रिपोर्ट दी थी। जिनमें उन्होंने एक सप्ताह में सिर्फ 150 वाहनों के चालान किए और 55 हजार रुपये की वसूली की है। वायु प्रदूषण की रोकथाम मे परिवहन विभाग की सहभागिता संतोषजनक नहीं मिली है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साढ़े सात लाख की लगाई पेनल्टी : जिले में प्रदूषण का कारण यातयात व निर्माण परियोजनाओं को माना जाता है। निर्माण स्थलों पर ग्रेप (ग्रांडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत लागू प्रतिबंधों का अनुपालन कराने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम लगाकर निरीक्षण कर कार्रवाई कर रही है। 15 अक्टूबर से अबतक विभागीय अधिकारी प्राधिकारण के ठेकेदारों, बिल्डरों व घर स्वामियों पर साढ़े सात लाख जुर्माना लगा चुके हैं।

प्राधिकरण कर रहा सडकों पर छिड़काव  : ग्रेप लागू होने से पहले प्रदूषण विभाग ने शहर के 10 मुख्य मार्गो से धूल के नमूने लेकर गाजियाबाद जांच के लिए भेजे थे। रिपोर्ट में 10 मार्गों में से सात पर 75 माइक्रोन से कम डस्ट पार्टिकल्स मिले, जिन्हे ऐरो डायनमिक पार्टिकल्स भी कहा जाता है। ये कण वाहनों के टायरों पर चिपकर हवा के उछाल से वातावरण में एकत्रित हो जाते हैं और हवा में घुलकर नाक व मुंह के जरिए लोगों के फेफड़ों में पहुंचकर बीमारी को दावत देते हैं। सड़कों की हालत सुधारने के लिए प्रदूषण विभाग के आह्वान पर नोएडा प्राधिकरण की टीम सप्ताह में दो दिन सड़कों की एसटीपी के पानी से धुलाई कर रही है।

उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी ने सभी विभागों को प्रदूषण की रोकथाम के लिए आदेश दिए थे। सभी अपने-अपने स्तर से प्रदूषण को खत्म करने के प्रयास में जुटे हैं। परिवहन विभाग से 15 साल से पुराने वाहनों पर भी नकेल कसने का आह्वान किया गया है, ग्रेप नियमों का पालन कर प्रदूषण का खात्मा किया जाएगा।

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