आनलाइन शापिंग की फर्जी आईडी बनाकर लाखों की ठगी, हरियाणा से तीन आरोपित गिरफ्तार

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह वर्चुअल नंबर के माध्यम से ओटीपी प्राप्त कर अमेजॉन पर फर्जी नामों से एकाउंट बनाते थे। इसके बाद एकाउंट के माध्यम से अमेजॉन पर फर्जी आर्डर प्लेस करते थे। बाद में प्रोडक्ट को पसंद न आना बताकर आर्डर को कैंसिल कर देते थे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 04:01 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 04:01 PM (IST)
आनलाइन शापिंग की फर्जी आईडी बनाकर लाखों की ठगी, हरियाणा से तीन आरोपित गिरफ्तार
फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन ठग गिरफ्तार

नोएडा, जागरण संवाददाता। आनलाइन शापिंग साइट अमेजन की फर्जी आईडी बनाकर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के तीन ठगों को गुरुवार को साइबर क्राइम थाना नोएडा की पुलिस ने दबोच लिया। ठगों के पास से छह मोबाइल, छह सिम, दो फर्जी आधार कार्ड और दो डेबिट कार्ड बरामद किया गया है। आरोपितों की पहचान हरियाणा निवासी राजकुमार, अरविन्द कुमार और सीताराम के रूप में हुई है।

निरीक्षक विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि बीते 19 मार्च को मेरठ निवासी सुरेन्द्रपाल सिंह ने संबंधित थाने में शिकायत करते हुए बताया था कि गाजियाबाद और नोएडा क्षेत्र में अमेजन के कैंसिल उत्पादों की पिकअप एजेंसी है। कुछ लोग आईडी का दुरुपयोग कर अमेजॉन पर फर्जी आर्डर पिकअप दिखाकर कंपनी के साथ धोखाधड़ी कर रहे है। आरोपितों ने इसके माध्यम से कंपनी को लाखों का चूना लगाया है।

पीड़ित की तहरीर के आधार पर साइबर थाने की पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। मुखबिर की सूचना के आधार पर तीनों आरोपितों को हरियाणा के हिसार से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी मामले में बीते 26 जुलाई को भी दो आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। आरोपितों के विभिन्न बैंकों में लगभग 120 खातों को सीज कराकर 26 लाख रुपये फ्रीज कराए जा चुके हैं।

ऐसे करते थे धोखाधड़ी

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह वर्चुअल नंबर के माध्यम से ओटीपी प्राप्त कर अमेजॉन पर फर्जी नामों से एकाउंट बनाते थे। इसके बाद एकाउंट के माध्यम से अमेजॉन पर फर्जी आर्डर प्लेस करते थे। बाद में प्रोडक्ट को पसंद न आना बताकर आर्डर को कैंसिल कर देते थे। इसके बाद डिलीवरी बॉय साथियों के साथ मिलकर उत्पाद बदलकर रिटर्न आर्डर पिकअप डन दिखाकर पैसा वापस अपने फर्जी खातों में वापस ले लेते थे। इसके बाद प्राप्त किए गए उत्पाद को आरोपित कम दामों में बेचकर धन अर्जित करते थे।

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