Formula 1 Car Race in India: फॉर्मूला वन का भूखंड आवंटन होगा बहाल, यूपी के शहर में फिर गूंजेगा कारों का शोर
Formula 1 Car Race in India यमुना प्राधिकरण फॉर्मूला वन के भूखंड का आवंटन जल्द बहाल कर सकता है। प्राधिकरण ने बकाया राशि का भुगतान न करने पर 2019 में भूखंड आवंटन निरस्त कर फॉर्मूला वन को कब्जे में ले लिया था।
नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। Formula 1 Car Race in India: रेसिंग में भारत को विश्व मानचित्र पर जगह दिला चुके फॉर्मूला वन के लिए अच्छी खबर है। यमुना प्राधिकरण फॉर्मूला वन के भूखंड का आवंटन जल्द बहाल कर सकता है। प्राधिकरण ने बकाया राशि का भुगतान न करने पर 2019 में भूखंड आवंटन निरस्त कर फॉर्मूला वन को कब्जे में ले लिया था। भूखंड पर प्रस्तावित कई आवासीय परियोजनाएं भी अधर में फंस गई थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण जेपी समूह के प्रत्यावेदन पर सुनवाई करेगा। प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा।
2009 में हुआ था आवंटन
यमुना प्राधिकरण ने फॉर्मूला वन के लिए 2008 में योजना निकाली थी। 2009 में जेपी समूह की जेपीएसके स्पोट्र्स को एक हजार हेक्टेयर जमीन का आवंटन हुआ था। जेपी समूह ने इसमें फामरूला वन रेस ट्रैक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के अलावा कई आवासीय योजनाएं लांच की थी।
875 एकड़ में बना है फॉर्मूला वन रेस ट्रैक
बुद्धा अंतरराष्ट्रीय फॉर्मूला वन रेस ट्रैक भारत का इकलौता है। 18 अक्टूबर 2011 में इसका उद्घाटन हुआ था। 30 अक्टूबर 2011 को पहले फॉर्मूला वन भारतीय ग्रांड प्रिक्स का आयोजन हुआ था। 20 हजार दर्शकों की क्षमता वाले फॉर्मूला वन रेस ट्रैक के निर्माण पर करीब दो हजार करोड़ रुपये की लागत आई थी। फिल्मी सितारों की चकाचौंध ने यहां के आकर्षण को बढ़ा दिया था।
943 करोड़ का बकाया होने पर हुआ था आवंटन निरस्त
जेपी समूह ने आवंटित भूखंड की मूल किस्तों का समय से भुगतान नहीं किया। इससे बकाया राशि बढ़कर 943 करोड़ हो गई। प्राधिकरण ने 66वीं बोर्ड बैठक में भूखंड आवंटन निरस्त करने का फैसला लिया था।
हाई कोर्ट ने प्रत्यावेदन पर सुनवाई करने के प्राधिकरण को दिए हैं निर्देश
आवंटन निरस्त होने पर जेपी समूह ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए शर्त लगाई थी कि जेपी समूह पहले 100 करोड़ रुपये का भुगतान करे। इसके बाद जेपी समूह ने मार्च, 2020 में 55 करोड़, मार्च 2021 में 52 करोड़ रुपये जमा कराए। हाइ कोर्ट ने याचिका पर आवंटी के प्रत्यावेदन को सुनने के लिए यमुना प्राधिकरण को निर्देश दिए थे। प्राधिकरण आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखने जा रहा है। बोर्ड से अनुमति के बाद प्रत्यावेदन पर सुनवाई होगी।
आवासीय योजनाओं से छटेंगे संकट के बादल
भूखंड आवंटन निरस्त होने से कई आवासीय योजनाएं संकट में फंस गई थी। हालांकि यमुना प्राधिकरण ने दावा किया था कि वह अधूरी योजनाओं को पूरा कराकर खरीदारों को सौंपेगा। कई खरीदारों ने परियोजना में फंसी अपनी रकम को वापस ले लिया था। आवंटन बहाल होने से अधर में फंसी परियोजनाओं का काम पूरा हो सकेगा और खरीदारों को कब्जा मिल सकेगा। इन परियोजनाओं में काउंटी होम्स एक, काउंटी होम्स दो, क्रोन, बोगनविला, स्पोट्र्स विला, कासिया, कोव, बुद्धा सर्किट स्टूडियो शामिल हैं।