Samrat Mihir Bhoj Controversy: मिहिर भोज के नाम के आगे 'गुर्जर सम्राट' लिखने पर भी नहीं थमा विवाद
छले महीने 22 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गुर्जर सम्राट की प्रतिमा के अनावरण से पहले रात में ही गुर्जर शब्द पर कालिख पोत दी गई। बावजूद इसके कि प्रतिमा के चारों तरफ सीसीटीवी की निगरानी के साथ स्थानीय ग्रेटर नोएडा पुलिस का भी पहरा था।
ग्रेटर नोएडा, संवाददाता। शिलापट पर सम्राट मिहिर भोज से पहले गुर्जर शब्द लिखे जाने के बाद भी आक्रोश थमा नहीं है। सोमवार को अखिल भारतीय गुर्जर परिषद संगठन सदस्यों ने गुर्जर शब्द पर कालिख पोतने वालों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। सदस्यों ने पुलिस आयुक्त के नाम शिकायती पत्र सौंपने के बाद प्रेसवार्ता कर जानकारी दी।
अखिल भारतीय गुर्जर परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र भाटी (National Vice President of All India Gurjar Parishad Ravindra Bhati) ने बताया कि पिछले महीने 22 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गुर्जर सम्राट की प्रतिमा के अनावरण से पहले रात में ही गुर्जर शब्द पर कालिख पोत दी गई। बावजूद इसके कि प्रतिमा के चारों तरफ सीसीटीवी की निगरानी के साथ स्थानीय ग्रेटर नोएडा पुलिस का भी पहरा था। फिर कैसे व किसने शिलापट पर कालिख पोती। आरोपित सामने आने चाहिए। वहीं, आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं ने ग्रेटर नोएडा पुलिस से मिलीभगत कर अपने फायदे के लिए ऐसा कराया।
रविंद्र भाटी ने इस पूरे मामले में सीएम योगी का समर्थन होने की भी आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि गुर्जरों के साथ पूरे देशवासियों की भावना आहत हुई है। 26 सितंबर को कालिख पोतने के विरोध में गुर्जर स्वाभिमान को लेकर चिटहेरा गांव में हुई महापंचायत में शामिल करीब डेढ़ सौ लोगों पर एफआइआर दर्ज कर दी गई। वहां तैनात दो पुलिस अधिकारियों ने खाप का नेतृत्व करने आए समाज के प्रबुद्ध लोगों के साथ अभद्रता की, जिनके साक्ष्य भी मौजूद है। अखिल भारतीय गुर्जर परिषद बैनर तले सदस्यों ने कहा कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कार्रवाई न होने पर संगठन सदस्यों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। इस दौरान एडवोकेट एमएस आर्य, संजय, पूजा, आशीष, पिकी,गौरव,आदि मौजूद रहे।
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