Surya Grahan 2021: दिल्ली-एनसीआर में नही दिखा साल का पहला सूर्य ग्रहण, दूसरा दिसंबर में लगेगा

साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण लग गया है। यह दोपहर 142 बजे से शुरू हो गया है और शाम 641 बजे समाप्त हो जाएगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 02:18 PM (IST)
Surya Grahan 2021: दिल्ली-एनसीआर में नही दिखा साल का पहला सूर्य ग्रहण, दूसरा दिसंबर में लगेगा
साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण बृहस्पतिवार को लगेगा।

नोएडा [पारुल रांझा]। साल 2021 का असर दिल्ली-एनसीआर में नही दिखाई दिया। विश्व के कई हिस्सों में इसे देखा गया।यह दोपहर 1:42 बजे से शुरू हो कर शाम 6:41 बजे समाप्त हो गया। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं रहा। मान्यता है कि सूतक काल में किसी भी तरह शुभ कार्य और पूजा पाठ नहीं किया जाता है। बता दें कि चंद्रमा के पृथ्वी व सूर्य के बीच से गुजरने के दौरान सूर्य ग्रहण लगता है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान वृष, कर्क, तुला, धनु एवं मीन राशि के लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। 

इस वर्ष होंगे कुल चार ग्रहण

सेक्टर-55 स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण शास्त्री ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार जब राहु व केतु सूर्य को खाने या निगलने की असफल कोशिश करते हैं, उस दौरान सूर्य ग्रहण लगता है। देश में ज्यादातर जगहों यह ग्रहण दिखाई न देने से इसका भी सूतक मान्य नहीं होगा, लेकिन ग्रहण का प्रभाव जरूर देखने को मिलेगा। क्योंकि ग्रहण दिखाई दे या न दे, लेकिन उसका प्रभाव हर व्यक्ति पर देखने को मिलता है। हालांकि, सूर्यग्रहण के बाद मंदिर की सभी प्रतिमाओं का शुद्धिकरण किया जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन एक तरफ जहां वट सावित्री व्रत है, वहीं इसी दिन अमावस्या भी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिसमें दो चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण हैं। पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लग चुका है। इसके बाद 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगेगा। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण चार दिसंबर को लगेगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान न करें यह कार्य किसी भी नए व मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं किया जाता है। ग्रहण काल के समय भोजन पकाना और खाना दोनों ही मना होता है। भगवान की मूर्ति छूना और पूजा करना भी मना होता है। तुलसी के पौधे को छूने की मनाही होती है। इस दौरान सोने से भी बचना चाहिए।

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