एसओजी रिश्वत प्रकरण : कार और कैश के मामले में सामने आ रहा गुरु-चेले की जोड़ी का खेल

रिश्वत लेने के आरोप में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया इंस्पेक्टर शावेज खान वर्ष 2018 में दादरी कोतवाली प्रभारी के रूप में तैनात था। सत्येंद्र मोतला की पोस्टिंग तब वहां थी। कुछ समय बाद इंस्पेक्टर को नोएडा की सेक्टर-58 कोतवाली का प्रभारी बनाया गया।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:41 PM (IST)
एसओजी रिश्वत प्रकरण : कार और कैश के मामले में सामने आ रहा गुरु-चेले की जोड़ी का खेल
एटीएम हैकर गिरोह के बदमाशों को 20 लाख रुपये व क्रेटा कार लेकर छोड़ने वाली टीम का दामन दागदार है।

नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। एटीएम हैकर गिरोह के बदमाशों को 20 लाख रुपये व क्रेटा कार लेकर छोड़ने वाली गौतमबुद्ध नगर एसओजी का दामन दागदार है। टीम में ऐसे धुरंधर तैनात थे जिन पर पूर्व में भ्रष्टाचार का आरोप लग चुका है। बर्खास्त किया गया सिपाही अंबरीश यादव वर्ष 2018 में भंग हुई एसओजी में था। दारोगा सत्येंद्र मोतला पिछले चार सालों से इंस्पेक्टर शावेज खान के साथ परछाई की तरह रह रहा था। वह इंस्पेक्टर को गुरु मानता है, उसके पैर छूता है। गुरु-चेले की जोड़ी हाईटेक जिले में पुलिस अधिकारियों की नाक के नीचे भ्रष्टाचार का खेल खेलती रही और किसी को भनक नहीं लगी। सूत्रों का दावा है कि एसओजी द्वारा पूर्व में किए गए गुड वर्क की भी जांच होगी। अवैध असलहा फैक्ट्री पकड़ने में बड़ा खेल हुआ था।

भूमिका संदिग्ध लगने पर भेजा गया नोटिस

रिश्वत लेने के आरोप में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया गया इंस्पेक्टर शावेज खान वर्ष 2018 में दादरी कोतवाली प्रभारी के रूप में तैनात था। सत्येंद्र मोतला की पोस्टिंग तब वहां थी। कुछ समय बाद इंस्पेक्टर को नोएडा की सेक्टर-58 कोतवाली का प्रभारी बनाया गया। सत्येंद्र मोतला वहां भी पहुंच गया। छात्र अक्षय कालरा की हत्या कर कार लूट मामले में इंस्पेक्टर को कोतवाली से हटाकर एसओजी प्रभारी बनाया गया। दारोगा अपने गुरु के पीछे-पीछे वहां भी पहुंच गया। इसके बाद भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो गया। गुरु के बर्खास्त होने के बाद चेले की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। एसओजी के सिपाही नितिन की भूमिका प्रकाश में आने के बाद उसके घर नोटिस भेजा गया है। उसे अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

जांच के बाद हो सकता है खुलासा

इधर, बता दें कि गौतमबुद्ध नगर एसओजी के रिश्वत कांड की आंच बागपत एसओजी तक पहुंच गई है। हैकर गिरोह से 20 लाख रुपये व क्रेटा कार के एवज में डील कराने के मामले में चर्चा में आए एसओजी के कांस्टेबल को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है। लंबे समय से डटे पांच पुलिसकर्मियों को भी हटाया गया है। चर्चा यह भी है कि बागपत के एसओजी के सिपाही अब्दुल ने इस क्रेटा कार एवं बीस लाख रुपये को लेकर छोड़ने वाले मामले में डील कराई थी। यह वर्ष 2018 में नोएडा एसओजी में रह चुका है। इस मामले में बागपत एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि मामले की जांच अभी की जा रही है। जैसे-जैसे तथ्य प्रकाश में आ रहे है उनको जांच में शामिल किया जा रहा है।

यह है पूरा मामला:

गाजियाबाद की इंदिरापुरम कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर एटीएम हैकर गिरोह के शातिरों को दबोच लिया था। बदमाशों ने एक क्रेटा कार से घटना को अंजाम दिया था। घटना में उपयोग हुई गाड़ी को लेकर इंदिरापुरम पुलिस ने आरोपितों से सवाल किया, तो उन्होंने बताया कि घटना में इस्तेमाल होने वाली क्रेटातो नोएडा पुलिस की एसओजी टीम के पास है। आरोपितों ने बताया कि तीन महीने पहले उन्हें एसओजी नोएडा की टीम ने पकड़ा था और 20 लाख रुपये व कार लेकर छोड़ दिया था।

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