Farmers News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने संजय सिंह, दिल्ली हिंसा के बाद अलग हुआ है संगठन

Farmers News भारतीय किसान यूनियन (भानु) की ओर से आयोजित बैठक में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह द्वारा नोएडा निवासी संजय सिंह को राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। साथ ही उन्हें मनोनयन पत्र दिया गया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 02:50 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 02:56 PM (IST)
Farmers News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने संजय सिंह, दिल्ली हिंसा के बाद अलग हुआ है संगठन
Farmers News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने संजय सिंह, दिल्ली हिंसा के बाद अलग हुआ है संगठन

नोएडा, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन (भानु) की ओर से आयोजित बैठक में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह द्वारा नोएडा निवासी संजय सिंह को राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। साथ ही उन्हें मनोनयन पत्र दिया गया। नव नियुक्त राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय ने कहा की देश में किसानों की हालत आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी दयनीय बनी हुई हैं। हर साल हजारों किसान अपनी दयनीय स्थिति के चलते आत्महत्या करने को मजबूर है।

भारतीय किसान यूनियन (भानु) गांव-गांव जाकर किसानों के हित से जुड़े मुद्दों को उठाएगा और उनकी मजबूत आवाज बनेगा। यह जिम्मेदारी प्रदान किए जाने के उपलक्ष्य में उन्होंने भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ¨सह व प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह को धन्यवाद दिया। साथ ही संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी के दिन किसानों ने ट्रैक्टर रैली के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली में जो उत्पात मचाया था, उससे कई किसान संगठन खफा थे। भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट ने हिंसा की घटना को गलत बताया था। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानू प्रताप सिंह ने कहा था कि 26 जनवरी के दिन दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे वो बहुत आहत हैं और 58 दिनों के बाद अपने आंदोलन को समाप्त कर रहे हैं। इसके बाद यह संगठन अलग हो गया था।

यहां पर बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद उत्तराखंड के नेताओं ने हतोत्साहित होकर संगठन छोड़ दिया था। यहां तक कि उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सुखवंत सिंह भुल्लर समेत कार्यकारिणी के प्रदेश, कुमाऊं, जिला और ब्लॉक स्तरीय किसान नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश अध्यक्ष भुल्लर ने संगठन के किसान आंदोलन से अलग होने के फैसले को गलत करार दिया था और कहा कि वह किसानों के हक के लिए संघर्ष करते रहेंगे।

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