Relief From LockDown: 3 मई को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के उद्योगों को मिल सकती है Good news

Relief From LockDown कंटेंमेंट एरिया से बाहर पड़ने वाली ईकाइयों को दस फीसद श्रमिकों के साथ संचालन करने की अनुमति देने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 01 May 2020 10:36 AM (IST) Updated:Fri, 01 May 2020 10:38 AM (IST)
Relief From LockDown: 3 मई को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के उद्योगों को मिल सकती है Good news
Relief From LockDown: 3 मई को नोएडा-ग्रेटर नोएडा के उद्योगों को मिल सकती है Good news

नोएडा, जागरण संवाददाता। Relief From LockDown: 2 दिन बाद यानी 3 मई को लॉकडाउन का अंतिम दिन है। इस बीच अभी से उद्योग जगत को राहत मिलने के कयास लगने लगे हैं। माना जा रहा है कि 3 मई के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कुछ औद्योगिक ईकाइयों को संचालन की अनुमति शासन-प्रशासन की ओर से दी जा सकती है। जिला स्तर पर इसके संकेत बृहस्पतिवार मिलने लगे हैं। यह भी संभव है कि कार्य स्थल पर ठहरने के इंतजाम के साथ ही 10 कर्मियों संग उद्योग शुरू करने की अनुमति मिल जाए।

10 फीसद कर्मियों के साथ संचालन की अनुमति मिलने के आसार

मिली जानकारी के मुताबिक, कंटेंमेंट एरिया से बाहर पड़ने वाली ईकाइयों को दस फीसद श्रमिकों के साथ संचालन करने की अनुमति देने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, लेकिन अंतिम फैसला तीन मई के बाद ही लिया जाएगा।

बता दें कि ईकाइयों के संचालन की अनुमति उद्यमियों ऑनलाइन जारी की जाएगी। इसके लिए सरकार के निर्देश पर एचसीएल ने एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है। जिसे प्रदेश के नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर (एनआइसी) से जोड़ा जा रहा है, रविवार तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। इस वेबसाइट पर उस गाइड लाइन को भी डाला गया है, जिसके तहत उद्यमियों को ऑनलाइन अनुमति का आवेदन करना है।

कार्य स्थल पर करना होगा कर्मियों को ठहराने का इंतजाम

जिला उद्योग केंद्र उपायुक्त अनिल कुमार ने बताया कि एनआइसी के साथ एचसीएल की ओर से तैयार सॉफ्टवेयर को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई। बृहस्पतिवार को इसका ट्रॉयल भी जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी की उपस्थिति में किया गया। इसके अलावा उद्यमियों को श्रमिकों को फैक्ट्री में ठहरने, खाने-पीने समेत अन्य सुविधा को उपलब्ध कराना होगा। इसके बाद ही अनुमति मिलने की संभावना है।

बता दें कि दिल्ली से सटे नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह से ही काम धंधा ठप है। इससे जहां अर्थ व्यवस्था ठप है, तो मजदूरों को भी दिक्कत पेश आ रही है।

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