बढ़ते संक्रमण के बीच स्कूल बंद होने से अभिभावकों को राहत, शिक्षकों को पड़ रहा जाना
School Closed in Delhi And NCR कोरोना महामारी के दौर में स्कूलों में छुट्टी 30 अप्रैल तक बढ़ाए जाने से अभिभावकों की परेशानी थोड़ी कम हुई है। लेकिन परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों एवं बच्चों में चिंता अब भी बनी हुई है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद करने की घोषणा की है। हालांकि, जिन स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं, वहां यह जारी रहेंगी। जरूरत के हिसाब से शिक्षक व अन्य स्टाफ को बुलाया जा सकता है। कोरोना महामारी के दौर में स्कूलों में छुट्टी 30 अप्रैल तक बढ़ाए जाने से अभिभावकों की परेशानी थोड़ी कम हुई है। लेकिन परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों एवं बच्चों में चिंता अब भी बनी हुई है।
अभिभावकों का कहना है कि कोरोना की रफ्तार जिस तरह से बढ़ रही है, ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं है। निजी स्कूल स्वास्थ्य की परवाह न कर फरमान पर फरमान जारी करके अगली कक्षा में प्रवेश, कॉपी, किताब, बस्ता, ड्रेस आदि खरीदने के लिए तय दुकानों का रास्ता दिखाने में लगे हैं।
अधिकांश अभिभावक पहले ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमत नहीं थे। शहर के निजी स्कूलों द्वारा स्कूल खुलने से उनपर दबाव बनाया जा रहा था। सरकार के फैसले से अभिभावकों को काफी राहत मिली है। - मनोज कटारिया, संस्थापक, गौतमबुद्धनगर
अभिभावक संघ जल्द ही बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं होने वाली हैं। ऐसे में परीक्षा देते समय संक्रमित होने की ¨चता सताने लगी है। - मनीष कुमार।
कोरोना के चलते बीते सत्र का शिक्षण सत्र बेमजा रहा। स्कूल प्रबंधन ने पूरी फीस वसूली। अब कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने को स्कूल बंद करना सही है। -जितेंद्र।
कोरोना दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना किसी चुनौती से कम नहीं है। -मनदीप कुमार