पढ़िए डेफ सोसायटी के विस्तार की कहानी, 16 साल पहले मात्र दो कमरों से शुरू हुआ था सेंटर, आज हर राज्य में शाखाएं

एटीएस को आशंका है कि मामले में गिरफ्तार आरोपितों ने इसी का फायदा उठाया और सोसायटी के शिक्षकों व कर्मचारियों से साठगांठ करके मतांतरण की साजिश रची। सोसायटी का गठन नोएडा निवासी रोमा रोका के द्वारा वर्ष-2005 में किया गया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 01:59 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 01:59 PM (IST)
पढ़िए डेफ सोसायटी के विस्तार की कहानी, 16 साल पहले मात्र दो कमरों से शुरू हुआ था सेंटर, आज हर राज्य में शाखाएं
नोएडा डेफ सोसायटी में मूक बधिर छात्रों की बढ़ती संख्या का आरोपितों ने भी उठाया फायदा

नोएडा, मोहम्मद बिलाल। सेक्टर-117 स्थित नोएडा डेफ सोसायटी के नोएडा के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित 22 सेंटर पर मूक बधिर छात्रों को शिक्षा दी जा रही है। सेंटर में पिछले छह साल में छात्रों की संख्या 40 गुना तक बढ़ी है। इसलिए एटीएस को आशंका है कि मामले में गिरफ्तार आरोपितों ने इसी का फायदा उठाया और सोसायटी के शिक्षकों व कर्मचारियों से साठगांठ करके मतांतरण की साजिश रची। सोसायटी का गठन नोएडा निवासी रोमा रोका के द्वारा वर्ष-2005 में किया गया था। महज दो कमरों से शुरू सेंटर की शाखाएं अब देश के अलग-अलग राज्यों में हैं।

नोएडा में पहले मूक बधिर छात्रों को सेक्टर-34 स्थित सेंटर पर शिक्षा के साथ कौशल कोर्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाता था। वर्ष-2018 से सेंटर सेक्टर-117 स्थित सोहरखा गांव में संचालित हो रहा है। सेंटर पर वित्तीय वर्ष-2015-2016 में मूक बधिर छात्रों की कुल संख्या 70 थी। वहीं 2016-17 में 187, 2017-18 में 1,297, 2018-19 में 1,378, 2019-20 में 2,838 व 2020-21 में यह संख्या बढ़कर तीन हजार पार कर गई। संस्थान में मूक बधिर छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क शिक्षा के साथ निजी सेक्टरों में रोजगार दिलाने के उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाता है।

इसमें मोबाइल रिपेयरिंग और कंप्यूटर शिक्षा प्रमुख है। यहां से पढ़ाई कर चुके छात्र वर्तमान में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी नौकरी कर रहे हैं। जांच एजेंसियों को आशंका है कि नोएडा डेफ सोसायटी में मूक बधिर छात्रों की तेजी से बढ़ती संख्या का आरोपितों ने भी फायदा उठाने की सोची और उन्हें अपना निशाना बनाने लगे। साजिश के तहत स्लीपर सेल की मदद से मूक बधिर छात्र-छात्राओं को नौकरी, पैसा और शादी का लालच देकर उनका दाखिला कराया गया। छात्रों के नोएडा आने के बाद उन्हें दिल्ली-एनसीआर में आयोजित मजलिस में शामिल होने का न्योता दिया जाता। गैर मुस्लिम छात्रों को धर्म विशेष के छात्रों की मदद से मजलिस में बुलाया जाता। जहां उन्हें मतांतरण के लिए तैयार किया जाता था।

फाउंडर, नोएडा डेफ सोसायटी का बयान

पिछले 16 वर्षो में संस्था के कार्यो की काफी प्रशंसा हुई है। कई अवार्ड भी मिले हैं। इस घटना के बाद से सोसायटी से जुड़े सभी लोग आहत हैं। एटीएस को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। - रोमा रोका, फाउंडर, नोएडा डेफ सोसायटी

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