बिलासपुर में सुअवसरों पर लगाए जाते हैं पौधे, पर्यावरण का खास ख्याल रख रहे लोग
क्षेत्रफल के हिसाब से फलदार छायादार औषधीय गुणों एवं कीमती फूलों के पौधे का चयन किया जाता है। खासकर पर्यावरण संरक्षण समिति के नेतृत्व में एसडी कन्या इंटर कालेज केडी इंटरनेशनल स्कूल टेम्पू यूनियन व भीम पहलवान यूवा सेवा समिति आदि बिलासपुर तालाब को हरा-भरा बनाने के संकल्प लिया है।
बिलासपुर [घनश्याम पाल]। बिलासपुर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता आने लगी है। इसको लेकर कई अवसरों पर पौधा लगाए जाने की परिपाटी शुरू की गई है। कई संस्थाएं इसे लेकर लोगों को प्रेरित भी कर रही हैं। बिलासपुर तालाब के किनारे मुख्य सड़क मार्ग स्थित राजेंद्र इंटर कॉलेज के सामने किसी-न-किसी अवसर पर पौधारोपण कर उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया जाता है।
क्षेत्रफल के हिसाब से फलदार, छायादार, औषधीय गुणों एवं कीमती फूलों के पौधे का चयन किया जाता है। खासकर पर्यावरण संरक्षण समिति के नेतृत्व में एसडी कन्या इंटर कालेज, केडी इंटरनेशनल स्कूल, टेम्पू यूनियन व भीम पहलवान यूवा सेवा समिति आदि बिलासपुर तालाब को हरा-भरा बनाने के संकल्प लिया है। पौधारोण को लेकर पर्यावरण संरक्षण समिति अभियान चला रही है। बिलासपुर तालाब पर 151 फलदार, छायादार, औषधीय एवं कीमती फूलों के पौधे लगाए जा चुके हैं।
मंगलवार को तालाड़ा गांव में 2010 से 2015 तक तीन गांवों के प्रधान रहे । प्रवीन कुमार ने अपनी 17वीं शादी सालगिरह के अवसर पर पत्नी कुसुम के साथ एलोवेरा, तुलसी, मणीप्लांट आदि औषधि पौधों को रोपण कर क्यारी गोद लेकर उसे हरा-भरा बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत जन्मदिन व शादी सालगिरह आदि अवसर पर पौधे लगाने की परिपाटी शुरू की है। पर्यावरण संरक्षण समिति संस्थापक व अध्यक्ष पौधारोपण के साथ-साथ पौधे की सुरक्षा को लेकर भी काफी जागरूक हैं।
पौधे की सुरक्षा के मद्देनजर वे अधिकांश पौधे की निराई, खुदाई, पानी सुरक्षा पर ही लगा रहे हैं। अब तक 10,721 पौधे लगाए जा चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण समिति क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए काफी सजग हैं। वे लोगों के जन्मदिन, पुण्यतिथि, शादी की सालगिरह एवं अन्य उत्सव पर पौधारोपण किया जा रहा है।
कुसुम व प्रवीन कुमार बताते हैं कि शादी सालगिरह तालाब के किनारे जहां कभी दुर्गंध उठती थी । इधर से निकलना मुश्किल होता था। आज गंदगी की जगह पौधा रोपण किया गया है । पर्यावरण संरक्षण समिति टीम हौसला बढ़ाने के साथ और लोगों को जागरूक करना है । इससे सभी तालाब गंदगी मुक्त हो सकें ।