Noida Tree Plantation Drive : हरियाली से करें दोस्ती, धरा रहेगी सुरक्षित

Noida Tree Plantation Drive हरियाली जलाशय धरा की धरोहर है। मानव जीवन के लिए यह अमूल्य संपदा है। हम अपनी संपदा को सहेजकर ही समृद्ध बन सकते हैं। इससे छेड़छाड़ जीवन के लिए दुखदायी बन सकता हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध पर्यावरण इन्हीं अंगों से मिलता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 07:39 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 07:39 PM (IST)
Noida Tree Plantation Drive : हरियाली से करें दोस्ती, धरा रहेगी सुरक्षित
Noida Tree Plantation Drive : हरियाली से करें दोस्ती, धरा रहेगी सुरक्षित

ग्रेटर नोएडा/बिलासपुर [घनश्याम पाल]। वायु, जल, जमीन, जंगल, पेड़, पौधे, नदी, तालाब, पोखरे यह सब प्रकृति के हिस्सा है। इन्हीं पर सभी जीव-जंतुओं का जीवन निर्भर है। हरियाली, जलाशय धरा की धरोहर है। मानव जीवन के लिए भी यह अमूल्य संपदा है। हम अपनी संपदा को सहेजकर ही समृद्ध बन सकते हैं। इससे छेड़छाड़ जीवन के लिए दुखदायी बन सकता हैं। हमें स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध पर्यावरण इन्हीं अंगों से मिलता है। भौतिकवादी बनकर अपने आसपास की आबोहवा कतई न बिगाड़ें। कृत्रिम मशीनों से यदि प्रकृति के संसाधनों को रौदेंगे तो इसका परिणाम निश्चित विनाशकारी होगा। आइए, हम मिलकर धरा को सुरक्षित करें।

 तालाबों के किनारे लगा रहे फलदार पौधे

इन्हें पर्यावरण के प्रति अजीब जुनून है। तालाबों, पोखरों को संरक्षित करने के साथ हरियाली फैलाने में भी इनका अहम योगदान है। बरसात के सीजन में तालाबों के किनारों पर सघन पौधारोपण कर डाले। साथ देने वाला कोई मिला तो ठीक नहीं मिला तो खुद पौधारोपण के लिए निकल पड़ते है। अपने सहयोगियों संग लगाए गए फलदार पौधों के संरक्षण करने की भरसक कोशिश साल भर करते है। यह है ग्रेटर नोएडा के गाँव नवादा दनकौर निवासी संजय नवादा। इनकी माने तो पर्यावरण प्रदूषण का समाधान तालाबों के तटों पर पौधा रोपित करना है। नमी की वजह से यह पौधे जल्दी विकसित होंगे दूसरी अहम बात तैयार वृक्ष से गिरने वाला शीड पानी की नमी में जब किसी किनारे पहुंचेगा तो वह भविष्य में वृक्ष का रूप लेगा। इस मुहिम का उद्देश्य फलदार वृक्ष तैयार करना है। जिससे तालाबों में रहने वाले जीव-जंतुओं को आहार भी मिलता रहे।

यह भी है पर्यावरण के पोषक

नदी, जलाशय, हरियाली सब एक दूसरे के पूरक है। यह प्राणियों के लिए भी बहुत आवश्यक है। इसके बगैर हम स्वस्थ जीवन की कल्पना कतई नहीं कर सकते हैं। पेड़ से ही हमें आक्सीजन मिलता है। जल के बगैर जीवन नहीं है। हम इनसे छेड़छाड़ कर खुद को नुकसान पहुंचाते हैं। अपने दरवाजे के सामने, खेत और खलिहान में हरियाली के पोषक बनें।- कपिल प्रधान पीपलका, पर्यावरण प्रेमी

प्रकृति के तत्वों से खिलवाड़ उचित नहीं है। हम जलाशयों का संरक्षण कर अपने आसपास की आबोहवा शुद्ध बना सकते हैं। हरियाली से प्रेम प्रत्येक मनुष्य को होना चाहिए। व्यस्त जीवन के बाद भी हम स्वयं फुलवारी, हरियाली तैयार करने में रुचि रखते हैं। इसके लिए लोगों को प्रेरित भी करते है। शुद्ध पर्यावरण से संक्रामक बीमारियों के फैलने की गुंजाइश बहुत कम रहती है।-योगेश भाटी रामपुर माजरा, पर्यावरण प्रेमी

अब शासन प्रशासन का सहयोग मिलने लगा है। प्राधिकरण सीईओ से टीगार्ड व पौधा मुहैया कराया गया था। जिसे घर-घर सभी के सहयोग से रोपण कर परवरिश की शपथ ली गई है। बिलासपुर कस्बा सहित 21 गांवों में 55 सौ पौधा रोपण किया गया है। -संजय नवादा, अध्यक्ष पर्यावरण संरक्षण समिति

 

संजय नवादा यह भी बताते हैं कि पिछले साल उन्होंने आम, जामन, तुलसी, नीम, पीपल के शीड से सैकड़ों पौधों की नर्सरी तैयार की थी। दो हजार पौधों की व्यवस्था क्षेत्रीय सांसद के माध्यम से वन विभाग व ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण द्वारा तीन हजार पांच सौ पौधा प्राधिकरण नर्सरी से प्राप्त हुई। कुल पांच हजार पांच सौ पौधों का रोपण दनकौर क्षेत्र के गांवों व तालाब के किनारों पर किया। इनका मानना है कि पर्यावरण प्रदूषण के वैश्विक संकट से उबरने के लिए जल, जंगल, जमीन बचाने की मुहिम से प्रत्येक व्यक्ति को जुड़ना होगा।

chat bot
आपका साथी