अंधविश्वास को पीछे छोड़ योगी ने दिखाई राह, जेवर एयरपोर्ट व फिल्म सिटी से लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आने का साहस दिखाने के साथ अंधविश्वास पर विकास की ऐसी पटकथा लिखी है कि गौतमबुद्धनगर देश ही नहीं दुनिया के पटल पर छा गया है। जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी दोनों से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:54 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 10:54 AM (IST)
अंधविश्वास को पीछे छोड़ योगी ने दिखाई राह, जेवर एयरपोर्ट व फिल्म सिटी से लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार
गौतमबुद्धनगर में बनने जा रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की प्रस्तावित फोटो।

ग्रेटर नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। देश की राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के विकास को पंख लगने जा रहे हैं। जिस परिकल्पना को लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण की स्थापना हुई थी, उस सपने को प्रदेश की योगी सरकार पूरा करने जा रही है। पूर्व में इन शहरों के विकास की तमाम योजनाएं बनी। उनके नाम से जमीन बेची गई, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी वे मूर्त रूप नहीं ले सकीं। योगी सरकार ने इस दिशा में मजबूत और प्रभावी ढंग से कदम आगे बढ़ाए हैं। पहले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अब फिल्म सिटी का तोहफा देकर जिले के विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। पूर्व में कोई भी मुख्यमंत्री अंधविश्वास के चलते नोएडा, ग्रेटर नोएडा आने से कतराते थे। अधिकारी नोएडा से लखनऊ पहुंचकर विकास की जो तस्वीर मुख्यमंत्री के सामने पेश कर देते थे, उसे सही मान लिया जाता था। योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आने का साहस दिखाने के साथ अंधविश्वास पर विकास की ऐसी पटकथा लिखी है कि गौतमबुद्धनगर देश ही नहीं दुनिया के पटल पर छा गया है। एयरपोर्ट से छह किमी दूरी पर एक हजार एकड़ जमीन पर फिल्म सिटी बनने से बेरोजगारों के लिए रोजगार के दरवाजे खुलेंगे। व्यापक पैमाने पर उद्योग लगेंगे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी नए रूप में उभर कर सामने आएंगे। औद्योगिक नगरी और एजुकेशन हब आगे निकालकर अब फिल्मी सितारों का समागम भी यहां होगा। सुनहरे भविष्य के लिए मुंबई की तरफ रुख करने वाले युवा अपने सपने गौतमबुद्धनगर की फिल्म सिटी में पूरा कर सकेंगे।

सपनों की उड़ान पूरी करेगा जेवर एयरपोर्ट

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है। प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) कंपनी ने इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की। पहले चरण में दो व दूसरे चरण में तीन रनवे बनेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) इसका संचालन करेगी। स्विस कंपनी ज्यूरिख को इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। दस अक्टूबर को कंपनी के साथ कंसेशन एग्रीमेंट होगा।

योगी सरकार ने मूर्त रूप में उतारी योजनाएं

शहर में भले ही कुछ विकास योजनाओं की नींव पूर्ववर्ती सरकारों ने रखी, लेकिन कभी धरातल पर उनका काम नहीं हुआ। जेवर एयरपोर्ट की घोषणा 2004 में हुई थी, लेकिन इससे आगे कोई काम नहीं हुआ। जमीन अधिग्रहण तक की कार्रवाई नहीं हुई। अखिलेश यादव सरकार ने तो 2012 में इस परियोजना को ही रद कर दिया था। योगी सरकार नई योजनाओं के साथ-साथ पुरानी परियोजनाओं को भी मूर्त रूप देने का काम किया है।

अंधविश्वास भी तोड़ा

मार्च 2017 में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस उत्तर प्रदेश की शो विंडो गौतमबुद्धनगर पर लग गया। नोएडा आने पर कुर्सी जाने के भय से पूर्व में कोई भी मुख्यमंत्री यहां नहीं आता था। 23 जून 1998 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह नोएडा आए और उनकी कुर्सी चली गई। यहीं से अंधविश्वास ने जन्म लिया। नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह के साथ भी ऐसा हुआ। हालांकि, मायावती ने इस मिथक को तोड़ा। अंधविश्वास के चलते अखिलेश यादव पूरे पांच साल गौतमबुद्धनगर नहीं आए। योगी ने हौंसला दिखाया और वे पहली बार 25 दिसंबर 2017 को नोएडा आए। संक्रमण काल में भी दो बार नोएडा आ चुके हैं।

योगी सरकार की अन्य महत्वाकांक्षी योजनाएं   ग्रेटर नोएडा में उत्तरी भारत का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब  बोड़ाकी में रेलवे स्टेशन व ट्रांसपोर्ट हब  बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार   नोएडा, ग्रेटर नोएडा में हैबिटेट सेंटर  यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क

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