Noida-Greater Noida Panchayat Chunav 2021 Result: नई पीढ़ी के हाथों में होगी अब जिले की राजनीति की कमान

Noida-Greater Noida Panchayat Chunav 2021 Result नोएडा-ग्रेटर नोएडा में युवा और अनुभवी नेताओं के बीच मुकाबला हुआ लेकिन मतदाताओं ने अनुभव के आगे नई पौध और युवाओं काे तरजीह दी। सिर्फ अनुभवी नेताओं में जयवती नागर ही जीत हासिल कर सकीं। बाकी सब चुनाव हार गए।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 01:40 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 01:40 PM (IST)
Noida-Greater Noida Panchayat Chunav 2021 Result: नई पीढ़ी के हाथों में होगी अब जिले की राजनीति की कमान
Noida-Greater Noida Panchayat Chunav 2021 Result: नई पीढ़ी के हाथों में होगी अब जिले की राजनीति की कमान

नोएडा [धर्मेंद्र कुमार]। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुए जिला पंचायत चुनाव में जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसे ही परिणाम आए। युवा और अनुभवी नेताओं के बीच मुकाबला हुआ, लेकिन मतदाताओं ने अनुभव के आगे नई पौध और युवाओं काे तरजीह दी। सिर्फ अनुभवी नेताओं में जयवती नागर ही जीत हासिल कर सकीं। बाकी सब चुनाव हार गए। पांच में से चार जिला पंचायत सदस्यों ने पहली बार मैदान में आकर किस्मत आजमाई और विजयी रहे। इस बार के चुनावी परिणामों ने जिले में बड़े राजनीतिक बदलाव के भी संकेत दे दिए हैं। पुराने दिग्गज नेताओं के बीच नई पौध ने राजनीतिक मैदान में एंट्री कर उन्हें अपने भविष्य के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है। माना जा रहा है कि इस चुनाव के बाद कई पुराने दिग्गज रसातल में चले जाएंगे। जिले की राजनीति की कमान अब नए नेतृत्व (युवाओं) के हाथों में होगी।

गौतमबुद्धनगर में शहरी क्षेत्र घोषित होने के कारण इस बार नोएडा व ग्रेटर नोएडा में ग्राम और जिला पंचायत चुनाव नहीं हुए। दादरी, जेवर व रबूपुरा क्षेत्र के 88 गांवों में चुनाव हुए। इनमें जिला पंचायत की पांच सीटें हैं। इन पर भाग्य आजमाने के युवाओं के साथ पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन रविंद्र भाटी, पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन जयवती नागर, वीरेंद्र प्रधान, कपिल छौंकर, नफीस प्रधान जैसे कई अनुभवी नेता मैदान में आए। पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन बिजेंद्र भाटी के बेटे अमन भाटी भी मैदान में उतरे, लेकिन मतदाताओं ने इनके बजाय युवाओं पर भरोसा जताया। पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन रविंद्र भाटी को चौथे नंबर पर रहकर संतोष करना पड़ा। हालांकि, अमन भाटी युवा हैं और पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। पिछली बार उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य बनी थी। अमन भाटी को बसपा की तरफ से जिला पंचायत चेयरमैन पद का प्रत्याशी भी माना जा रहा था। अमन के लिए कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी भी पूरे दमखम के साथ प्रचार के लिए मैदान में उतरे थे, लेकिन उनके प्रयास भी सफल नहीं हुए। मतदाताओं ने देवटा गांव के सुनील भाटी को तरजीह दी। सुनील की जिले की राजनीति में पहली बार एंट्री हुई है। निर्दलीय के रूप में उन्होंने जिले में सर्वाधिक मत प्राप्त कर जीत हासिल की। इसी तरह वार्ड एक से चुनाव जीती मोहिनी युवा है और पहली बार चुनाव जीती हैं।

युवा चेहरे के रूप में उभरे देवा भाटी

वार्ड तीन से चुनाव जीतने वाले भाजपा प्रत्याशी देवा भाटी सबसे युवा हैं। उनका करिश्मा मतदाताओं के सिर चढ़कर बोला। उनके सामने बसपा, सपा व कांग्रेस प्रत्याशी कहीं नहीं ठहरे। दूसरे नंबर पर निर्दलीय नफीस प्रधान रहे। देवा पहली बार चुनावी मैदान में आए और विजयी हुए। हालांकि, देवा भाटी की जीत पहले से सुनिश्चित मानी जा रही थी। सांसद महेश शर्मा, इस वार्ड के भाजपा प्रभारी योगेंद्र चौधरी व जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने उनके लिए पूरी ताकत लगा दी थी। योगेंद्र चौधरी व विजय भाटी पूरे समय उनके प्रचार की कमान संभाले रहे। विधायक तेजपाल नागर भी देवा के लिए मैदान में डटे रहे। सपा-रालोद गठबंधन ने जातीय समीकरण के हिसाब से मुकेश शिसौदिया को मैदान में उतार कर मुकाबला रोचक बनाने का प्रयास किया, लेकिन मतदाताओं पर उनका जादू नहीं चला।

अमित बने हैं जिला पंचायत चेयरमैन

जेवर क्षेत्र की वार्ड पांच से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते अमित चौधरी भी पहली बार जिला पंचायत सदस्य बने हैं। वह अगले चेयरमैन हो सकते हैं। पेशे से कालोनाइजर व बिल्डर का काम करने वाले अमित के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि, बाहरी प्रत्याशी बताकर उनका कड़ा विरोध हुआ। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने उनके लिए कमान संभालते हुए अपने करीबी लोगों को प्रचार में लगाया। महेश शर्मा के करीबी विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा पूरे समय जेवर में रहे। राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर व इस वार्ड के प्रभारी तेजा गुर्जर ने भी गुर्जर बाहुल्य गांवों में उनके लिए वोट दिलवाकर जीत का रास्ता खोला। भारी विरोध के बावजूद अमित जीतने में कामयाब रहे

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