ग्रेटर नोएडा में खुले पैनल बाक्स व तार की दे रहे हादसे को न्यौता, चपेट में आकर जान गवा रहे पशु

पिछले लगभग एक माह के दौरान विभिन्न सेक्टर व गांव में करंट की चपेट में आकर दस पशुओं की मौत हो चुकी है। लगभग तीन वर्ष पूर्व पार्क में खुले पड़े तार की चपेट में आकर बीटा एक सेक्टर में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई थी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 05:51 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 05:51 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा में खुले पैनल बाक्स व तार की दे रहे हादसे को न्यौता, चपेट में आकर जान गवा रहे पशु
खुले बिजली के तार व पैनल बाक्स

 ग्रेटर नोएडा [मनीष तिवारी]। नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड(एनपीसीएल) की लापरवाही बेजुबान के साथ ही लोगों पर भी भारी पड़ रही है। जगह-जगह कंपनी के खुले बिजली के तार व पैनल बाक्स की चपेट में आकर बेजुबान अपनी जान गवा रहे हैं। पिछले लगभग एक माह के दौरान हुई कई घटनाओं में लगभग दस पशुओं की मौत हो चुकी है। आए दिन होने वाले दुर्घटनाओं के बाद व्यवस्था सुधार को लेकर कंपनी प्रबंधन की आंख नहीं खुल रही है।

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर व सोसायटी में एनपीसीएल के द्वारा बिजली की सप्लाई की जाती है। शहर के साथ ही कई गांव में कंपनी ही बिजली का निर्यात करती है। नियम के तहत बिजली के तार अंडर ग्राउंड डाले गए हैं। विभिन्न स्थानों पर तार जमीन की सतह से थोड़ा ही नीचे हैं। थोड़ी सी मिट्टी हटने पर तार नजर आते हैं। जिन स्थानों पर तार कट जाते हैं वहां पर कई बार बिना अच्छे से टेप लगाए ही जोड़ दिए जाते हैं। इससे खतरा बना रहता है।

नियम के तहत पैनल बाक्स पूरी तरह से सुरक्षित होंगे और हमेशा बंद रखे जाएंगे। कंपनी कर्मचारियों के पास ही उसकी चाबी होगी। आवश्यकता पड़ने पर ताला खोलकर काम किया जाएगा। काम होने के बाद पैनल बाक्स दोबारा बंद किए जाएंगे। लेकिन कंपनी प्रबंधन के द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जगह-जगह लगाए गए बिजली के पैनल बाक्स भी खुले हुए हैं। पैनल बाक्स के अंदर पूरे तार खुले रहे हैं। इससे सबसे अधिक खतरा होता है। सेक्टर व गांव में जगह-जगह पशु घूमते रहते हैं। कई बार वह करंट की चपेट में आ जाते हैं।

पिछले लगभग एक माह के दौरान विभिन्न सेक्टर व गांव में करंट की चपेट में आकर दस पशुओं की मौत हो चुकी है। लगभग तीन वर्ष पूर्व पार्क में खुले पड़े तार की चपेट में आकर बीटा एक सेक्टर में एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई थी। साथ ही एक वर्ष पूर्व सब स्टेशन में खुले तार की चपेट में आकर तीन बच्चों की भी मौत हो गई थी। खुले पैनल बाक्स व तार जगह-जगह देखने को मिल जाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ता हरेंद्र भाटी का कहना है कि खुले पैनल बाक्स व तार की शिकायत लगातार एनपीसीएल में की जाती है। एक-दो स्थानों पर काम करने के बाद इतिश्री कर ली जाती है। वर्तमान में सौ से अधिक स्थानों पर पैनल बाक्स व बिजली के तार खुले पड़े हैं। यह लोगों के लिए खतरा बने हैं। कंपनी द्वारा उन्हें सही करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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