दिल्ली एनसीआर के लाखों निवेशकों से 150 करोड़ की ठगी करने वाले बंटी बबली गिरफ्तार

कम समय में अधिक पैसे की लालच में आकर ही लोगों ने इनकी कंपनी में निवेश किया था। धीरे-धीरे इन लोगों ने अपनी इस फर्जी कंपनी का प्रचार प्रसार किया जिसके कारण दिल्ली एनसीआर के हजारों निवेशकों ने उनकी इस कंपनी में मोटी रकम निवेश कर दी थी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 05:42 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 05:42 PM (IST)
दिल्ली एनसीआर के लाखों निवेशकों से 150 करोड़ की ठगी करने वाले बंटी बबली गिरफ्तार
दिल्ली एनसीआर के हजारों निवेशकों ने उनकी इस कंपनी में मोटी रकम निवेश कर दी थी।

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। दिल्ली एनसीआर के 17 हजार से अधिक लोगों से 150 करोड़ की ठगी करने वाली गो वे कंपनी के मालिक बंटी-बबली दंपती को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने बाइक बोट की तर्ज पर बाइक चलवाने के नाम पर ठगी की। निवेशकों को निवेश रकम का एक साल में दो गुना वापस करने का झांसा दिया था। वर्ष 2019 में आरोपितों के खिलाफ बीटा दो कोतवाली में 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे। तब से फरार चल रहे आरोपितों को अब रविवार सुबह पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से धर दबोचा है। आरोपितों पर मेरठ व गाजियाबाद में भी मुकदमे दर्ज है।

एडिशनल डीसीपी विशाल पांडेय ने बताया कि करोड़ों की ठगी करने के आरोपित दंपती को एच्छर चौकी प्रभारी शैलेंद्र तोमर ने टीम के साथ गुरुग्राम से धर दबोचा है। आरोपितों की पहचान अनिल सेन व उसकी पत्नी मीनू सेन के रूप में हुई है। दोनों पूर्व में ग्रेटर नोएडा की एल्डिगो सोसायटी में रह रहे थे। साइट फोर स्थित जीएनएस प्लाजा में वर्ष 2018 में केडीएम इंटरप्राइजेस के नाम से गो वे कंपनी का आफिस खोला गया था। कंपनी के मालिक पति-पत्नी अनिल सेन व मीनू सेन आफिस में आने वाले निवेशकों को निवेश रकम का एक साल में दो गुना वापस करने का झांसा देते थे। आरोपित कहते थे कि वह 62000 रुपये निवेश करने पर एक बाइक शहर में चलवाएंगे और उससे होने वाली आय करीब दस हजार रुपये हर महीना एक वर्ष तक निवेशक को देंगे। झांसे में आकर लोगों ने कई-कई बाइकों के नाम पर कंपनी में निवेश कर दिया।

16 जून को हुआ था पहला हंगामा

वर्ष 2019 में कई महीने तक जब निवेशकों को दो गुना रकम नहीं मिली तो 16 जून 2019 को पहली बार साइट फोर स्थित आफिस पर दिल्ली एनसीआर के हजारों निवेशकों ने प्रदर्शन किया। पहला मुकदमा उस दौरान ही बीटा दो कोतवाली में दर्ज किया गया था।

विदेशी भी हुए शिकार

ग्रेटर नोएडा में रहने वाले अफगानिस्तान व अन्य देशों के नागरिकों ने भी झांसे में आकर गो वे कंपनी में निवेश कर दिया था। पांच विदेशी नागरिकों की करीब दस लाख की रकम भी आरोपित ढकार गए। विदेशी युवक की शिकायत पर भी मुकदमा दर्ज है।

ठगी की रकम से खोली इलेक्ट्रानिक स्कूटर फैक्ट्री

आरोपित अनिल सेन ने ठगी की रकम से हरियाणा के गुरुग्राम में इलेक्ट्रानिक स्कूटर बनाने की फैक्ट्री खोली थी। फैक्ट्र अभी भी संचालित हो रही है। आरोपित नाम बदलकर हरियाणा में रह रहे थे। पुलिस को मुखबिर से आरोपितों के संबंध में सटीक सूचना मिली और दंपती को धर दबोचा गया।

महाराष्ट्र व बेंगलुरु में एक साल तक छिपे रहे

वर्ष 2019 में ग्रेटर नोएडा से भागने के बाद आरोपित दंपती अनिल व मीनू महाराष्ट्र व बेंगलुरु में करीब एक वर्ष तक फरारी काटते रहे। ठगी की रकम से वह अलग-अलग होटलों में छह महीने तक रूके। उसके बाद आरोपितों ने एक फ्लैट किराए पर लिया। लोगों की खून पसीने की कमाई को आरोपितों ने पानी की तरह बहाया।

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