Noida: क्लीनिक पंजीकरण के नाम पर मांगे पांच लाख, डॉक्टर व लिपिक समेत चार तलब

स्वास्थ्य विभाग में निजी अस्पताल व क्लीनिक पंजीकरण के नाम पर रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। दिल्ली के एक निजी चिकित्सक ने विभाग के मेडिकल आफिसर और वरिष्ठ लिपिक समेत चार कर्मचारियों पर पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर शिकायत की।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 06:04 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 06:04 PM (IST)
Noida: क्लीनिक पंजीकरण के नाम पर मांगे पांच लाख, डॉक्टर व लिपिक समेत चार तलब
दिल्ली के एक निजी चिकित्सक ने मामले की प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से की शिकायत।

जागरण संवाददाता, नोएडा। स्वास्थ्य विभाग में निजी अस्पताल व क्लीनिक पंजीकरण के नाम पर रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। दिल्ली के एक निजी चिकित्सक ने विभाग के मेडिकल आफिसर और वरिष्ठ लिपिक समेत चार कर्मचारियों पर पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की। शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह को मामले की जांच कर तीन दिनों में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। उधर, एडीएम ने चारों कर्मचारियों को तलब कर लिया है।

सरिता विहार, नई दिल्ली निवासी डॉ. मेजर डीके बोस के अनुसार, उन्होंने कुछ दिन पूर्व अपने सहायक को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में क्लीनिक चलाने की अनुमति के लिए सेक्टर-39 सीएमओ कार्यालय भेजा था। आरोप है कि यहां तैनात मेडिकल आफिसर डॉ. चंदन सोनी, वरिष्ठ लिपिक अनुराधा, डॉ. राकेश ठाकुर व अजहर खान ने उनसे क्लीनिक का पंजीकरण करने के नाम पर पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी।

सभी दस्तावेज दिखाने के बाद भी कर्मचारी नहीं माने और उन्हें फटकार कर कार्यालय से भगा दिया। पीड़ित ने शीर्ष अफसरों से शिकायत करने की बात कही तो उनके साथ अभद्रता व गाली-गलौज की गई। जिसकी शिकायत उन्होंने पोर्टल पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से शिकायत की। उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मंगलवार को एडीएम प्रशासन दिवाकर सिंह ने कर्मचारियों को 15 जनवरी सुबह 11 बजे सूरजपुर स्थित उनके कार्यालय में प्रस्तुत होने के निर्देश दे दिए हैं।

खुद को एसीएमओ बताकर मांगते हैं रिश्वत

सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में निजी अस्पताल व क्लीनिक पंजीकरण व नवीनीकरण के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है, जिले में 470 निजी अस्पताल, क्लीनिक व नर्सिंग होम है। हर दिन सीएमओ कार्यालय पर चिकित्सक पंजीकरण व नवीनीकरण कराने को पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। मेडिकल सर्टिफिकेट व अन्य जांच के लिए भी लोगों को जेब ढ़ीली करनी पड़ती है। मामले में कई बार सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। कुछ दिनों पूर्व सेक्टर-34 स्थित मानस अस्पताल के प्रबंधक डॉ. सूर्यकांत शर्मा ने भी इस संबंध में सीएमओ कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया था।

अधिकारी का जवाब 

दिवाकर सिंह, एडीएम प्रशासन गौतमबुद्धनगर का कहना है कि 15 जनवरी को शिकायतकर्ता व चिकित्सकों काे तलब किया गया है, दोनों पक्षों का पक्ष जाने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी। दोषी पाए जाने पर किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा।

डॉ. चंदन सोनी (मेडिकल आफिसर, सीएमओ कार्यालय) का कहना है कि सभी आराेप निराधार हैं। चिकित्सक से किसी भी रूप में पैसे की मांग नहीं की गई है। 15 जनवरी को एडीएम के सक्षम प्रस्तुत होकर पक्ष रखा जाएगा।

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