पुलिस ने अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़

आरोपित ग्रेटर नोएडा वेस्ट से होते हुए मेरठ में अवैध पिस्टल फैक्ट्री सेटअप करने जा रहे थे तभी गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस ने उनको धर दबोचा। बदमाशों के कब्जे से 10 पिस्टल के अलावा कई अन्य सामान बरामद हुआ है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 02:42 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jul 2021 02:42 PM (IST)
पुलिस ने अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़
क्राइम ब्रांच व बिसरख कोतवाली पुलिस ने अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। क्राइम ब्रांच व बिसरख कोतवाली पुलिस ने अवैध हथियारों की आपूर्ति करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपित ग्रेटर नोएडा वेस्ट से होते हुए मेरठ में अवैध पिस्टल फैक्ट्री सेटअप करने जा रहे थे, तभी गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस ने उनको धर दबोचा। बदमाशों के कब्जे से 10 पिस्टल के अलावा कई अन्य सामान बरामद हुआ है। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने कार्रवाई करने वाली टीम को 35 हजार रुपये का इनाम दिया है।

डीसीपी क्राइम अभिषेक झा ने बताया कि गाजियाबाद के कैला भट्टा निवासी तीन भाइयों के बारे में क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि तीनों ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए मेरठ जाने वाले है। सूचना पर क्राइम ब्रांच प्रभारी शावेज खान व बिसरख कोतवाली प्रभारी अनीता चौहान ने शाहबेरी में पीछा कर कार सवार तीन भाइयों को धर दबोचा। पूछताछ में पता चला कि तीनों हथियारों की तस्करी करते हैं और मेरठ में अवैध पिस्टल फैक्ट्री सेटअप करने जा रहे हैं।

तीनों की पहचान आफताब, शकील व सगीर के रूप में हुई है। तीनों के कब्जे से 10 पिस्टल के अलावा 80 कारतूस, 23 मैगजीन, हथौड़ी, एक सेल्टोस कार व पिस्टल बनाने में उपयोग आने वाले उपकरण बरामद हुए हैं। एडीसीपी इलामारन ने बताया कि आरोपित अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पिस्टल तैयार करते थे। पिस्टल बनाने के लिए माल सलीम व हाशिम से खरीदते थे। तैयार पिस्टल आरोपित 25 हजार रुपये में रईस को देते थे।

रईस उसको आगे एक लाख रुपये में बेचता था। रईस व सलीम अभी फरार चल रहे हैं। वर्ष 2010 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाशिम बंद रहा था। उसी से संपर्क में आने के बाद आरोपित इस धंधे में लिप्त हो गए। पिछले 10 वर्षो से आरोपित हथियारों की तस्करी कर रहे हैं।

आभूषण की आड़ में अवैध हथियारों का खेल

एसीपी योगेंद्र सिंह ने बताया कि आफताब व सागीर सोने-चांदी के आभूषण की दुकान करते हैं, जबकि शकील समरसेबल का काम करता हैं। तीनों आरोपित इसकी आड़ में अवैध हथियारों का काम करते हैं। आरोपित स्पेन की मशहूर लामा पिस्टल की तर्ज पर अवैध पिस्टल तैयार करते थे। अवैध पिस्टल को ऐसे रूप में तैयार करते थे, जिसे कोई पकड़ ही नहीं सकता था कि वह भारत में बनी अवैध पिस्टल है। उस पर विदेशी स्टीकर भी लगाते थे।

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