Supertech Noida Twin Towers: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करेगी नोएडा अथॉरिटीः रितु महेश्वरी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु महेश्वरी ने कहा कि दोनों 40 मंजिला टावरों को गिराने के आदेश का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण तीन महीने के अंदर दोनों टावरों को ध्वस्त कर देगा।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 07:51 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 07:51 PM (IST)
Supertech Noida Twin Towers: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करेगी नोएडा अथॉरिटीः रितु महेश्वरी
नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु महेश्वरी

नोएडा [कुंदन तिवारी]। देश की सर्वोच्च अदालत ने नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट के दो प्रोजेक्ट अपेक्स व सियान टावर को गिराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु महेश्वरी ने कहा कि 40 मंजिला दोनों टावरों को गिराने के आदेश का पालन किया जाएगा।  

रितु महेश्वरी ने बताया कि उनके पास कोर्ट से अभी आदेश की कॉपी नही आयी है। कॉपी आते ही उसका अध्ययन कर अदालत के आदेश का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने उन्हें तीन महीने के अंदर टावर गिराने का समय दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया तीन माह में दोनों टावर ढहाने का निर्देश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 मंजिला दो टावरों को नियमों का उल्लंघन कर निर्माण करने के कारण गिराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि घर खरीदारों का पूरा पैसा बुकिंग के वक्त से 12 फीसद ब्याज के साथ लौटाया जाए। यह काम तीन महीने में पूरा करना होगा। साथ ही रेजिडेंट्स वेल्फेयर एसोसिएशन को दोनों टावरों के निर्माण से हुई परेशानी के लिए दो करोड़ रुपये दिए जाने को कहा है। पीठ ने कहा कि दोनों टावरों को नोएडा प्राधिकरण और विशेषज्ञ एजेंसी की निगरानी में तीन माह के भीतर गिराया जाए और इसका पूरा खर्च सुपरटेक लिमिटेड उठाएगा।

समचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि विध्वंस का काम सीबीआरआइ (केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान) द्वारा किया जाएगा। यदि सीबीआरआई मना करता है, तो इस काम के लिए किसी नए प्राधिकरण को नियुक्त किया जाएगा।

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