Lockdown अवधि के विज्ञापन चार्ज में Noida Authority ने दी छूट, 100 विज्ञापनकर्ताओं को 1.40 करोड़ का लाभ

प्राधिकरण की तरफ से करीब एक करोड़ 40 लाख रुपये माफ कर दिए हैं। इसका लाभ 100 विज्ञापनकर्ताओं को मिलेगा। धनराशि में एक करोड़ रुपये मूल भुगतान और 40 लाख रुपये इस पर लगा ब्याज था। विज्ञापनकर्ताओं को 31 जनवरी 2021 तक की बकाया धनराशि जमा करनी होगी।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Thu, 10 Dec 2020 07:08 PM (IST) Updated:Thu, 10 Dec 2020 07:08 PM (IST)
Lockdown अवधि के विज्ञापन चार्ज में Noida Authority ने दी छूट, 100 विज्ञापनकर्ताओं को 1.40 करोड़ का लाभ
लाभ प्राप्त करने के लिए 31 जनवरी 2021 तक जमा करना होगा बकाया

लोकेश चौहान, नोएडा। लॉकडाउन में सभी प्रकार की गतिविधियां बंद होने के कारण नोएडा प्राधिकरण ने विज्ञापनकर्ताओं को भी भारी छूट दे दी है। प्राधिकरण की तरफ से करीब एक करोड़ 40 लाख रुपये माफ कर दिए हैं। इसका लाभ करीब 100 विज्ञापनकर्ताओं को मिलेगा। माफ की गई धनराशि में एक करोड़ रुपये मूल भुगतान और 40 लाख रुपये इस पर लगा ब्याज था। इस छूट का लाभ लेने के लिए विज्ञापनकर्ताओं को 31 जनवरी 2021 तक की बकाया धनराशि जमा करनी होगी।

शहर में विभिन्न स्थानों पर विज्ञापन लगाने वाली कंपनियों ने नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखकर मांग की थी कि लाइसेंस फीस में लॉकडाउन की अवधि का चार्ज न लिया जाए। कंपनियों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। उन्हें अभी भी संभलने का मौका नहीं मिला है, ऐसे में उन्हें लॉकडाउन की अवधि के समय की लाइसेंस फीस और इस पर लगे ब्याज में छूट दी जाए। प्राधिकरण अधिकारियों ने इस मांग को मानते हुए करीब 100 विज्ञापनकर्ता कंपनियों को 1 करोड़ 40 लाख रुपये की छूट दी है। यह छूट उन विज्ञापनकर्ताओं को मिलेगी, जिन्होंने 2019-20 में प्राधिकरण से विज्ञापन के लिए स्थान लिया था।

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि मांगों के मद्देनजर, प्राधिकरण ने अपनी कुल लाइसेंस फीस में से 22 मार्च से 30 जून 2020 के बीच की अवधि के लिए लागू फीस न जमा करने का फैसला किया है। बता दें वर्तमान में शहर में कुल 133 लाइसेंस प्राप्त यूनिपोल ऑपरेटर हैं। इनमें से 115 सार्वजनिक शौचालयों पर लगाए गए हैं, जबकि अन्य 18 डिजिटल होर्डिंग्स और रैप्स पूरे शहर में 18 फुट से अधिक चौड़ाई वाले पुलों पर लगाए गए हैं। 133 यूनिपोल को बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल के अनुसार दिया गया था और लाइसेंस शुल्क को पिछली बार अप्रैल 2018 में संशोधित किया गया था।  

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