UP Industry: नोएडा-ग्रेटर नोएडा को चाहिए 2 लाख प्रवासी कामगार
UP Industry कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन होने से ठप हुए विदेशी बाजारों ने नोएडा की गारमेंट इंडस्ट्री को वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया।
नोएडा, जागरण संवाददाता। UP Industry नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (Noida Apparel Export Cluster) लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम व निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल को पत्र लिखकर दो लाख प्रवासी कामगारों की मांग की गई है।
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त अनिल कुमार ने बताया कि गारमेंट इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा। पहले मेरठ मंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर से प्रवासी श्रमिकों का बंदोबस्त किया जाएगा। हालांकि, इन सभी जिलों में मिलाकर श्रमिकों की संख्या महज दो हजार है। इसके बाद नोएडा के लिए आसपास के मंडलों और फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों से कुशल श्रमिकों का बंदोबस्त किया जाएगा।
कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन होने से ठप हुए विदेशी बाजारों ने नोएडा की गारमेंट इंडस्ट्री को वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया। दरअसल, रेडिमेड गारमेंट से जुड़ी लगभग सभी इकाइयों में देश-विदेश के ऑर्डर तैयार हो चुके थे या फिर फिनिशिंग स्टेज पर थे, लेकिन लॉकडाउन होते ही इकाइयों पर ताले लग गए। मार्च का अंतिम सप्ताह और अप्रैल का पूरा माह उद्योग बंद रहने से गारमेंट निर्यातकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। साथ ही समय पर आपूर्ति न होने से विदेशी बायर्स की ओर से ऑर्डर रद होने का खतरा भी पैदा हो गया। इस बीच प्रवासी मजदूरों के शहर छोड़ने से दिक्कत और बढ़ गई है।
ललित ठुकराल (चेयरमैन, एनएईसी) का इसको लेकर कहना है कि जयपुर और महाराष्ट्र से इस इंडस्ट्री से जुड़े प्रवासी कामगार वापस लौटे हैं, इसलिए प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर फौरी तौर पर दो लाख कामगारों की मांग की है। अगले दो महीने में तीन लाख और कामगारों की जरूरत होगी।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देशभर में प्रवासी कामगारों का पलायन बड़ी मात्रा में हुआ है, जिसके चलते फैक्ट्रियों में उत्पादन प्रभावित हुआ है। गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में हैं, जहां पर उद्योमियों को दिक्कत पेश आ रही है।