पौधों को नया जीवन दे पर्यावरण हराभरा बना रहे महकार नागर, अन्य लोगों को भी कर रहे जागरूक

पर्यावरण को हराभरा बनाने व पौधों को नया जीवन देने की मुहिम में मास्टर महकार नागर वर्षों से लगे हुए हैं। पौधे लगाने के साथ ही उनके द्वारा अन्य लोगों को जागरूक भी किया जाता है। बिलासपुर व आसपास के क्षेत्रों में उन्होंने अबतक सैकड़ों पौधे लगाए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 12:33 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 12:33 PM (IST)
पौधों को नया जीवन दे पर्यावरण हराभरा बना रहे महकार नागर, अन्य लोगों को भी कर रहे जागरूक
मास्टर महकार नागर की फाइल फोटो। सौ. स्वंय

 बिलासपुर (ग्रेटर नोएडा) [घनश्याम पाल]। पर्यावरण को हराभरा बनाने व पौधों को नया जीवन देने की मुहिम में मास्टर महकार नागर वर्षों से लगे हुए हैं। पौधे लगाने के साथ ही उनके द्वारा अन्य लोगों को जागरूक भी किया जाता है। बिलासपुर व आसपास के क्षेत्रों में उन्होंने अबतक सैकड़ों पौधे लगाए हैं। कुछ वर्ष पूर्व लगाए गए पौधों ने आज विशाल आकर ले लिया है। भीषण गर्मी में यह पौधे लोगों को छांव भरी ममता दे रहे हैं।

मास्टर महकार नागर की मुहिम में आसपास के लोग भी जुड़ गए है। अन्य लोग भी पौधा लगाते हैं। चचूला गांव निवासी चालीस वर्षीय मास्टर महकार नागर कनरसा गांव में बाल विकास शिक्षा संस्थान संचालित करते हैं। अपनी कमाई की दो फीसदी नेक काम में लगाते हैं। उन्होंने चचूला, धनौरी, बिलासपुर, कनारसी आदि गांवों में पौधरोपण कर पर्यावरण को हराभरा बनाने की मुहिम में लगे हुए हैं।

दादी ने सिखाया था रात्रि में पत्ते नहीं तोड़ते मर जाऐंगे

मास्टर महकार नागर बताते हैं कि बचपन में बुजुर्गों विशेष कर दादी ने सिखाया था कि पेड़ पौधों में भी जीव होते हैं। रात में तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ते। अधिकतर गांवों की टुटी फूटी दीवारों पर नीम, पीपल, बरगद आदि पौधे उग जाते हैं, जिन्हें उखाड़ कर फेंक दिया जाता है। बुजुर्गों व दादी की सीख के कारण उखाड़कर फेंके गए पौधों को मरता देख बहुत कष्ट होता था। यही कष्ट देखकर पौधारोपण अभियान शुरू किया।

मास्टर महकार नागर ने बताया कि हमारे साथ युवाओं व बुजुर्गों की टीम है। बुजुर्ग अपने जाने के बाद अपनी पहचान पौधे लगाकर बनाने में लगे हैं। वहीं युवा वर्ग अपने बच्चों के जन्मदिन, शादी सालगिरह पर पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण करने का कार्य करने के साथ साथ लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं अधिकतर पौधों को गांवों में घरों की दीवारों पर उगे पौधों को वहां से निकाल कर अन्य जगहों पर लगाया जाता है।

दरअसल, ऐसा करने से गलत जगह पर पौधा बरकरार भी नही रहता और वह सुरक्षित जगह पर भी रहता है। इससे उसे कोई नुकसान भी नही पहुंचाता है। बता दें कि पौधे लगाने के लिए सरकार और प्रशासन भी लोगों से अपील करती है। बारिश के दिनों में पौधा लगाने के लिए अभियान भी चलाया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जा सकें।

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