Noida Extension News: जीआइएस आधारित होगा ’नया नोएडा’ का मास्टर प्लान, लोगों के साथ निवेशक भी होंगे खुश
Noida Extension News नोएडा प्राधिकरण ’नया नोएडा’ के रूप में विशेष निवेश क्षेत्र दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआइआर) विकसित करने जा रहा है जिसका मास्टर प्लान जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) यानी सेटेलाइट आधारित तैयार किया जाएगा।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। नोएडा प्राधिकरण ’नया नोएडा’ के रूप में विशेष निवेश क्षेत्र दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआइआर) विकसित करने जा रहा है, जिसका मास्टर प्लान जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) यानी सेटेलाइट आधारित तैयार किया जाएगा। इसके लिए स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) कई अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी।
नोएडा प्राधिकरण चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर मोहम्मद इंतियाक अहमद ने बताया कि जीआइएस आधारित मास्टर प्लान-2041 का ड्राफ्ट दस माह में पूरा किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) नई दिल्ली को दी गई है। दादरी नोएडा गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र जिसमें बुलंदशहर के 60 और गौतमबुद्ध नगर के 20 यानी कुल 80 गांव की 20 हेक्टेयर जमीन लैंड पूल कर बनाया जाएगा। इस पूरे क्षेत्र को जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग सेक्टर डिवाइड किए जाएंगे। इन सेक्टरों में जल, सीवर लाइन, ग्रीन बेल्ट, पार्क, सड़क (मीटर के हिसाब से) व भूखंडों की इमेज सेटेलाइट के जरिये ली जाएगी।
निवेशकों को होगा यह फायदा
जीआइएस प्रणाली से एक क्लिक पर उन्हें भूखंड की लोकेशन, उसका क्षेत्रफल, सड़क से दूरी उसकी चौड़ाई, भूखंड के आसपास जल / सीवर लाइन की कनेक्टिविटी, ग्रीन बेल्ट, पार्क की लोकेशन के अलावा भूखंड का वर्तमान स्टेटस क्या है उसकी जानकारी भी मिल जाएगी। यदि योजना के तहत भूखंड आवंटन किया जाएगा या दूसरी बार भूखंड का आवंटन किया जा रहा है तो प्रथम अलॉटी, ड्यूज या नो ड्यूज की जानकारी आनलाइन मिल जाएगी। इससे निवेशक को यहां आने की आवश्यकता नहीं होगी। वह घर बैठे प्लानिंग के साथ निवेश कर सकेगा।
मार्केटिंग एनालिसिस के जरिये बढ़ाएंगे निवेश
एसपीए निदेशक पीएसएन राव ने बताया कि हमें ऐसी प्लानिंग करनी होगी, जिससे निवेशक डीएनजीआइआर की ओर आकर्षित हो। इसके लिए मार्केटिंग एनालिसिस महत्वपूर्ण है। हम यह जानकारी जुटा रहे हैं कि यहां किस प्रकार की इंडस्ट्री आ सकती है, इसका एनालिसिस किया जाएगा। इसमें प्राइवेट फर्म, पब्लिक फर्म, पीपीपी माडल आधारित फर्म, इन्फ्रास्ट्रक्चर को देखा जाएगा। इसके बाद फिजिकल ले आउट तैयार किया जाएगा, जिसमें यातायात, हरियाली, पानी के सोर्स इत्यादि को समाहित किया जाएगा। तीसरा यहां निवास करने वाले किसानों का भी ध्यान रखा जाएगा।