UP Religion Conversion: मूकबधिर बच्चों को मानव बम बना देश को दहलाने की थी साजिश, पाकिस्तान से हो रही फंडिंग

नोएडा सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाइटी में पढ़ने वाले मूकबधिर विद्यार्थियों को आरोपितों ने मानव बम के रूप के इस्तेमाल करके भारत सहित पूरी दुनिया को दहलाने की साजिश रची थी। देश में मतांतरण के लिए विदेश से भारी-भरकम फंडिंग की जानकारी भी सामने आई है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 09:29 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 09:53 PM (IST)
UP Religion Conversion: मूकबधिर बच्चों को मानव बम बना देश को दहलाने की थी साजिश, पाकिस्तान से हो रही फंडिंग
मूकबधिर बच्चों को मानव बम बना देश को दहलाने की थी साजिश

गाजियाबाद/ नोएडा [आशुतोष गुप्ता/ मोहम्मद बिलाल]। मतांतरण मामले में उत्तर प्रदेश के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की ओर से दिल्ली से दो युवकों जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में इनके खतरनाक मंसूबे सामने आए हैं। नोएडा सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाइटी में पढ़ने वाले मूकबधिर विद्यार्थियों को आरोपितों ने मानव बम के रूप के इस्तेमाल करके भारत सहित पूरी दुनिया को दहलाने की साजिश रची थी। देश में मतांतरण के लिए विदेश से भारी-भरकम फंडिंग की जानकारी भी सामने आई है। मुख्यरूप से यह फंडिंग पाकिस्तान और अरब देशों से की जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों गाजियाबाद के डासना मंदिर में साजिश के तहत विपुल विजयवर्गीय व कासिफ घुसे थे। इस मामले में विपुल, कासिफ व सलीमुद्दीन को पकड़ा गया था, जिनका देश के कई कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ाव उजागर हुआ। इसके बाद ही एजेंसियां इनके नेटवर्क के तह तक जाने में जुटी हैं।

नोएडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अबतक कि जांच में सामने आया है कि गिरोह में शामिल लोग मूकबधिर विद्यार्थियों व महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे। खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये संचालित संस्थान के विद्यार्थियों को। नोएडा डेफ सोसाइटी का भी संचालन चैरिटी के जरिये मिले धन से होता है। आशंका है कि आरोपितों ने इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों के मतांतरण की साजिश रची।

मूकबधिर विद्यार्थियों को इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि वह न तो सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं। एक बार झांसे में आने के बाद इनके मूल मत के प्रति दुर्भावना, घृणा पैदा कर एवं इस्लाम धर्म के प्रति विश्वास और पक्का कर उनका मतांतरण आसानी से कराया जा सकता है। इसके बाद विद्यार्थी अपने मूल मत से नफरत करने लगते। इसके बाद इनका मानव बम के रूप में इस्तेमाल करते।

पाकिस्तान और अरब देशों से हो रही है मतांतरण के लिए फंडिंग

देशभर में चल रहे मतांतरण के खेल में सुरक्षा एजेंसियों की जांच में अहम जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। मतांतरण के लिए देश में विदेश से भारी-भरकम फंडिंग की जा रही है। मुख्यरूप से यह फंडिंग पाकिस्तान और अबर देशों से होने की बात सामने आई है।

इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां देशभर में संदिग्ध लोगों के बैंक खाते खंगालने में जुट गई हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक 100 से अधिक बैंक खाते रडार पर हैं। इनमें से करीब तीन दर्जन खातों को खंगाला गया है। इसके साथ ही कई आतंकी संगठनों से भी फंडिंग हो रही है। यह रकम कट्टरपंथी संगठनों को भेजी जा रही है। इस खेल में कई सफेदपोश के जुड़े होने का अंदेशा भी है। ये लोग पर्दे के पीछे से कट्टरपंथी संगठनों व मतांतरण कराने वाले गिरोह का सहयोग कर रहे हैं। देशभर के विभिन्न हिस्सों में संगठन ने अपने पैर जमाए हुए हैं।

मौलाना मुंजीर गिरोह की अहम कड़ी

मुंबई के मौलाना मुंजीर के पकड़ में आने के बाद इस प्रकरण में अहम जानकारियां मिलने की संभावना है। मौलाना मुंजीर की विपुल विजयवर्गीय से मुलाकात हुई थी। मुंजीर ने विपुल का संपर्क सलीमुद्दीन से कराया था। इसके बाद ही सलीमुद्दीन के पास विपुल गाजियाबाद आया था। उसने ही सलीमुद्दीन से यूनानी पद्धति में पैरामेडिकल की तालीम ली थी। मुंजीर इस गिरोह की अहम कड़ी बताया जा रहा है।

नागपुर का कट्टरपंथी संगठन भी निशाने पर

नागपुर का एक कट्टरपंथी संगठन भी एजेंसियों के निशाने पर है। इस संगठन से ही जुड़कर विपुल इस्लाम का प्रचार-प्रसार कर रहा था और मतांतरण की मुहिम से जुड़ गया था। इस संगठन के तार महाराष्ट्र समेत पूरे देश में फैले हुए हैं। वहीं, दक्षिण भारत में भी संगठन का खासा प्रभाव बताया जा रहा है। एजेंसियां इस संगठन से जुड़े लोगों की कुंडली खंगाल रही हैं।

विपुल ने भी लालच में आकर किया था मतांतरण

एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से ताल्लुक रखता था। उसने भी नौकरी, शादी और पैसे के लालच में आकर मतांतरण किया था। उसने सलीमुद्दीन के कहने पर मतांतरण कर लिया था। इसके बदले उसकी शादी सलीमुद्दीन ने अपने दोस्त की बेटी कासिफ की बहन आयशा से कराई थी। मतांतरण के बदले उसकी आर्थिक मदद भी की गई। उसको नागपुर में क्लीनिक भी खुलवाया गया और मतांतरण की मुहिम में लगातार पैसे भी दिए गए।

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