Yamuna Expressway पर मौतों का जिम्मेदार आइआरपी मुंबई से अरेस्ट, मथुरा में इनोवा सवार 7 लोगों की गई थी जान

Yamuna Expressway Accident मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस की एक टीम मुंबई गई थी वहां से आरोपित को पकड़ कर लाया जा रहा है। अनुज जैन की गिरफ्तारी के बाद एक्सप्रेस-वे के संचालकों में खलबली मच गई है।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 07:43 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 07:43 AM (IST)
Yamuna Expressway पर मौतों का जिम्मेदार आइआरपी मुंबई से अरेस्ट, मथुरा में इनोवा सवार 7 लोगों की गई थी जान
तमाम दावों के बाद भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगातार मौतों का सिलसिला जारी है।

ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। यमुना एक्सप्रेस-वे का संचालन कर रहे इनसाल्वेंसी रीजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) अनुज जैन को बीटा दो कोतवाली पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार किया है। यमुना प्राधिकरण की ओर से बीते बुधवार को आइआरपी, जेपी इंफ्राटेक व आइएमसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इन पर एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा उपायों को लागू करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस की एक टीम मुंबई गई थी, वहां से आरोपित को पकड़ कर लाया जा रहा है। अनुज जैन की गिरफ्तारी के बाद एक्सप्रेस-वे के संचालकों में खलबली मच गई है। उन्होंने प्राधिकरण अधिकारियों से दावा किया कि एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए 110 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था। इन तमाम दावों के बाद भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगातार मौतों का सिलसिला जारी है।

बता दे कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर मथुरा जिले में बीते मंगलवार रात हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के लिए आइआरपी, आइएमसी और जेपी इंफ्राटेक को जिम्मेदारी मानते हुए यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के आदेश पर बीटा दो कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया था। आइआरपी अनुज जैन, आइएमसी व जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ धारा 283, 431 व आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा सात के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया था।

नहीं हुआ आईआईटी के सुझावों का पालन

आरोप है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर आइआइटी दिल्ली के सुझावों को लागू नहीं किया गया हैं। इन सुझावों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री व प्राधिकरण के निर्देशों की अवहेलना की गई। इस वजह से एक्सप्रेस वे पर हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की समिति के निर्देश पर हुआ था ऑडिट

यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के निर्देश पर आइआइटी दिल्ली से सुरक्षा ऑडिट कराया गया था। आइआइटी दिल्ली ने एक्सप्रेस वे के दोनों मार्ग के बीच में क्रैश बीम बैरियर लगाने समेत कई अन्य अहम सुझाव दिए थे। 2019 में सौंपी गई इस रिपोर्ट पर अभी तक क्रियान्वयन नहीं हुआ है। यही कारण है कि सात लोगों की मौत के बाद आईआरपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

राजेश कुमार सिंह (डीसीपी, ग्रेटर नोएडा) का कहना है कि यमुना प्राधिकरण की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अनुज जैन को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है, उसको ग्रेटर नोएडा लाया जा रहा है।

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