जानबूझकर रेरा का वक्त किया जा रहा जाया

उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में लगातार विभिन्न बिल्डर परियोजनाओं में फंसे खरीदारों के शिकायती पत्रों पर सुनवाई जारी है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 08:53 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 08:53 PM (IST)
जानबूझकर रेरा का वक्त किया जा रहा जाया
जानबूझकर रेरा का वक्त किया जा रहा जाया

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में लगातार विभिन्न बिल्डर परियोजनाओं में फंसे खरीदारों के शिकायती पत्रों पर सुनवाई जारी है। घर की चाहत में रोजाना सैकड़ों खरीदार रेरा में याचिका दायर कर गुहार लगा रहे है। लेकिन जीवन भर की गाढ़ी कमाई लगाकर भी घर पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है।

बिल्डर के साथ उनके अधिवक्ता भी घर के सपनों के आड़े आ रहे हैं। दरअसल पक्ष रखने ज्यादातर बिल्डरों के अधिवक्ता जानबूझकर पीठ के समक्ष पेश नहीं होते। बिल्डर का पक्ष न जान पाने की वजह से रेरा आगामी तिथि देता है। रेरा के हिदायतों के बाद भी बिल्डर प्रतिनिधियों की पीठ के समक्ष लेट लतीफी जारी है। जिसकी वजह से मजबूरन पीठ सदस्यों को सुनवाई टालनी पड़ती है।

शुक्रवार को भी रेरा सदस्य बलविंदर कुमार की पीठ में ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। पीठ के समक्ष बिल्डर की पैरवी करने कई अधिवक्ता उपस्थित ही नहीं हुए। सुनवाई का निर्धारित समय पूरा हो जाने के बाद प्रतिनिधि पीठ के समक्ष पहुंचे और माफी मांगकर चले गए। इस पर पीठ सदस्य बल¨वदर कुमार ने नाराजगी जताते हुए बिल्डर का पक्ष रखने पहुंचे अधिवक्ता को हिदायत दी।

हालांकि पीठ सदस्य को मजबूरन सुनवाई के लिए आगे की तारीख देनी पड़ी। खरीदारों का कहना है कि बिल्डर प्रतिनिधि जानबूझकर लेटलतीफी कर रेरा का वक्त बर्बाद कर रहे हैं। बिल्डर के साथ उनके अधिवक्ताओं की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि रेरा में 25 हजार से ज्यादा शिकायती पत्रों अभी तक दर्ज हो चुके है। 15 हजार से ज्यादा खरीदारों के मामलों में सुनवाई हो चुकी है। अभी भी दस हजार से ज्यादा खरीदारों की उम्मीद उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण पर टिकी हैं।

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