जिंदगी बचाना चाहते हो तो स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करो या अस्पताल से लेकर चले जाओ, अस्पताल दे रहे ऐसे जवाब

तीमारदारों से कहा गया कि ऑक्सीजन की कमी हो गई है ढ़ाई घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी जिंदगी बचाना चाहते हो तो स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करें वरना अस्पताल से लेकर चले जाए। सभी से अपनों की जिंदगी बचाने के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने को कहा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 02:04 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 02:04 PM (IST)
जिंदगी बचाना चाहते हो तो स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करो या अस्पताल से लेकर चले जाओ, अस्पताल दे रहे ऐसे जवाब
तीमारदारों से कहा गया कि अपनों की जिंदगी बचाना चाहते हो तो स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करें।

नोएडा, [आशीष धामा]। नोएडा के एक कोविड अस्पताल से आए एक फोन को सुनकर संक्रमितों के तीमारदारों के रोंगटे खड़े हो गए और उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। तीमारदारों से कहा गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो गई है, ढ़ाई घंटे ही ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी, अपनों की जिंदगी बचाना चाहते हो तो स्वयं ऑक्सीजन की व्यवस्था करें, वरना अस्पताल से लेकर चले जाए। अस्पताल का यह फरमान सुनकर लग रहा था कि बृहस्पतिवार को जिले में मौत का तांडव नजर आएगा, हालांकि शाम के समय प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद हालात तो सामान्य हो गए, लेकिन ऑक्सीजन की कमी का खतरा बरकरार है।

सेक्टर-33 स्थित प्रकाश अस्पताल के निदेशक डॉ. आयुष चौहान ने बताया कि उनके अस्पताल को फरीदाबाद की एक कंपनी से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही थी। सुबह करीब 10 बजे कंपनी ने फोन कर ऑक्सीजन सप्लाई करने से मना कर दिया। तर्क दिया कि हरियाणा सरकार ने उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई पहले दिल्ली, फिर हरियाणा व फरीदाबाद और बाद में उत्तर प्रदेश के जिलों में करने के आदेश दिए हैं। उनके पास ऑक्सीजन की किल्लत है और अब सप्लाई नहीं करेंगे। यह बात सुनते ही प्रबंधन ने एकाएक भर्ती संक्रमितों के तीमारदारों को फोन करना शुरू कर दिया और सभी से अपनों की जिंदगी बचाने के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था खुद करने को कहा।

उस वक्त नोएडा स्थित प्रकाश अस्पताल में 55 और ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल में 85 कोरोना संक्रमितों का उपचार चल रहा था। यह सुनते ही तीमारदारों में हाहाकार मच गया, उनकी आंखों में आंसू और चेहरों पर बेबसी नजर आने लगी। आनन-फानन में तीमारदारों का अस्पताल के बाहर जमावड़ा लग गया। अपनों की मौत के डर से कांपते और जगह-जगह गुहार लगाते नजर आए। कोई सिलेंडर लेकर भागा तो कोई फोन से ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में लग गया। अधिकांश जगह से लोगों को मायूसी ही हाथ लगी। ऐसे समय में जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कमान संभाली और नोएडा व हरियाणा से ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई। ऑक्सीजन की कमी के कारण प्रकाश अस्पताल से संक्रमित को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट भी किया गया।

यह बोले संक्रमितों के तीमारदार मेरा बेटा प्रकाश अस्पताल में पांच दिनों से भर्ती है। सुबह अचानक प्रबंधन ने ऑक्सीजन की कमी होने का हवाला देकर उसे दूसरे अस्पताल में लेकर जाने के लिए बोल दिया। मैंने किसी तरह एम्स से बी-टाइप सिलेंडर का प्रबंध किया। जिसे प्रबंधन ने सिर्फ पांच मिनट चलने की बात कहीं। शहर की विभिन्न ऑक्सीजन की दुकानों के चक्कर लगा चुका हूं, कई जगह फोन मिला चुका पर कहीं भी ऑक्सीजन नहीं मिल रही। अब मैं क्या करूं। प्रबंधन ने हमारे साथ धोखा किया है। (एक संक्रमित के पिता)

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पूरी दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं है, ऐसे में हम कहां जाए। मेरे भांजे का प्रकाश में उपचार चल रहा है। प्रबंधन ने साफ कह दिया है कि यहां से अपने मरीज को लेकर कहीं ओर शिफ्ट कर लो, अस्पताल में दवाइयां भी उपलब्ध नहीं है। - अभिषेक, संक्रमित के स्वजन

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ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित न होने देने के लिए फरीदाबाद प्रशासन के साथ मंथन किया गया है, शासन को भी आक्सीजन की कमी को लेकर अवगत करा दिया गया है। ऑक्सीजन की कमी सिर्फ जिले में नहीं, बल्कि पूरे देश में है।

- सुहास एलवाई, जिलाधिकारी

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