बिना लक्षण और सिर्फ सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं

मधुमेह एचआइवी टीबी रक्तचाप कैंसर किडनी व अस्थमा सीओपीडी हृदय व सांस के संबंधित बीमारियों के मरीजों को शुरुआती चरण में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है क्योंकि इन मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर गिरते ही सांस संबंधित समस्या शुरू हो जाती है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:16 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:16 AM (IST)
बिना लक्षण और सिर्फ सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं
बिना लक्षण और सिर्फ सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं

नोएडा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण सीधे फेफड़े को नुकसान पहुंचा रहा है। जिसकी वजह से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। फेफड़े अधिक खराब होने पर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। मधुमेह, एचआइवी, टीबी, रक्तचाप, कैंसर, किडनी व अस्थमा, सीओपीडी, हृदय व सांस के संबंधित बीमारियों के मरीजों को शुरुआती चरण में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि इन मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर गिरते ही सांस संबंधित समस्या शुरू हो जाती है। बिना लक्षण व सिर्फ खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है, इसलिए संक्रमित होने के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर जाने की आपाधापी में न रहें। समझदारी तो इस बात में है कि ऐसे मरीज डॉक्टर के परामर्श से घर पर रहकर दवाओं का सेवन करें। यह बातें कैलाश अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने कही।

कोरोना के करीब 95 फीसद से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो रहे हैं। यह मरीज लेवल वन-1 व लेवल-2 के हैं। जिन्हें ऑक्सीजन की कोई जरूरत नहीं होती। लेवल-3 के मरीजों को वेंटिलेटर व आइसीयू की जरूरत पड़ती है, इसलिए बिना लक्षण वाले मरीज आक्सीजन के लिए परेशान न हों। संक्रमित होने के बाद मरीजों को चाहिए कि वह डॉक्टरों के कहने पर दवाओं का नियमित सेवन शुरू करें। बिना परामर्श मेडिकल स्टोर से कोई भी दवा खरीदकर नहीं खाएं। ऐसा करना जानलेवा हो सकता है, क्योंकि अलग -अलग मरीजों की आवश्यकता के हिसाब से उन्हें दवाओं की जरूरत होती है।

उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित लक्षण दिखने पर तुरंत ही जांच कराएं। जांच में देरी नुकसानदायक है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज स्टेरायड और खून पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर सकते हैं। इससे बीमारी दूसरे चरण में नहीं पहुंचती हैं। किसी भी आयु के मरीजों द्वारा इसका सेवन किया जा सकता है।

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