Supertech Emerald Case: नोएडा में कैसे तोड़ जाएंगे 40-40 मंजिला दो टावर, आज होगी कार्ययोजना पेश

Supertech Emerald Case नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) दोनों टावरों की ध्वस्तीकरण की पूरी कार्य योजना सोमवार को प्रस्तुत करेगा। साथ ही कैसे सुरक्षित ध्वस्तीकरण होगा इसे लेकर दो कंपनियां इसका प्रस्तुतीकरण भी देंगी।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 09:42 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 09:42 AM (IST)
Supertech Emerald Case: नोएडा में कैसे तोड़ जाएंगे 40-40 मंजिला दो टावर, आज होगी कार्ययोजना पेश
Supertech Emerald Case: नोएडा में कैसे तोड़ जाएंगे 40-40 मंजिला दो टावर, आज होगी कार्ययोजना पेश

नई दिल्ली/नोएडा, जागरण संवाददाता। सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स और सियान को कैसे ध्वस्त किया जाएगा, यह सवाल सभी के जेहन में कौंध रहा है। इसको लेकर सोमवार स्थिति स्पष्ट हो सकती है, क्योंकि नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) ध्वस्तीकरण की पूरी कार्य योजना प्रस्तुत करेगा। साथ ही कैसे सुरक्षित ध्वस्तीकरण होगा, इसे लेकर दो कंपनियां इसका प्रस्तुतीकरण भी देंगी।

अटकलें लगाई जा रही हैं कि कई फ्लोर तक पिलर में डायनामाइट लगाकर इसे ध्वस्त किया जाएगा। जिससे बिल्डिंग सीधे जमींदोज हो जाएगी। हालांकि इसमें भी कई रिस्क फैक्टर हैं। जिनका अध्ययन करने के बाद सुपरटेक की दोनों कंपनियां सीबीआरआइ, इंडियन डिमोलियशन एसोसिएशन और एमबीसीसी के अधिकारियों के सामने अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगी। सुपरटेक के दोनों टावरों को गिराने का काम खुद सुपरटेक द्वारा किया जाना है। यह कार्य नोएडा प्राधिकरण व सीबीआरआइ की निगरानी में होगा। इमारत को गिराने में जो भी खर्च आएगा उसका वहन भी सुपरटेक को ही करना है। इसके लिए पहली कंपनी एडिफिश इंजीनियरिंग है। यह कंपनी जल्द ही दोनों टावरों का निरीक्षण करेगी।

सुपरटेक की ओर से यह कंपनी एक विशेषज्ञ है जो कि इमारतों की तकनीकी जांच करेगी। इसके अलावा एक अन्य कंपनी भी है जोकि सोमवार को निर्माण को ध्वस्त करने की कार्ययोजना पर अपना प्रस्तुतीकरण देगी। यह प्रजेंटेशन एनिमेटेड होगा। जिसका थ्री डी माडल रखा जाएगा। जिसे ड्रोन मैपिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन और स्थलीय निरीक्षण के आधार पर बनाया जाएगा।

121 मीटर ऊंची इमारत को गिराने में कितना होगा वाइब्रेशन

प्राधिकरण ने बताया कि इस मामले में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यदि कोई ¨बदु है तो वह सुरक्षा है। क्योंकि इमारत की ऊंचाई करीब 121 मीटर है। मानकों के हिसाब से टावरों की दूरी भी सही नहीं है। एमराल्ड में 15 टावर और बने है। इन दोनों टावरों से अन्य टावरों की दूरी मानकों पर खरी नहीं है। दूसरी इमारतों को कोई नुकसान न हो इसका ध्यान रखना ही महत्वपूर्ण है। यदि इमारत को गिराने में विस्फोटक का प्रयोग करते है तो उसका वाइब्रेशन कितना होगा। ज्यादा वाइब्रेशन अन्य इमारतों के लिए नुकसानदायक है।

क्या आसपास की इमारतों को कराया जा सकता है खाली

कार्ययोजना में यह भी ध्यान दिया जाएगा कि इमारत के ध्वस्तीकरण के दौरान क्या आसपास की इमारतों को भी खाली कराया जा सकता है। इसके लिए एओए को भी इमारत के ध्वस्तीकरण प्लान में शामिल किया जाएगा। साथ ही नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का ध्यान भी रखा जाएगा।

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