Vat Savitri Vrat 2021: वट सावित्री व्रत आज, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस विधि से करें पूजा

Vat Savitri Vrat 2021 वट सावित्री व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। इस व्रत का संबंध सावित्री देवी से है। व्रत के दिन सत्यवान-सावित्री कथा को भी पढ़ा या सुना जाता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:58 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 07:58 AM (IST)
Vat Savitri Vrat 2021: वट सावित्री व्रत आज, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस विधि से करें पूजा
Vat Savitri Vrat 2021: वट सावित्री व्रत आज, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस विधि से करें पूजा

नोएडा, जागरण  संवाददाता। अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए वट सावित्री व्रत आज यानी बृहस्पतिवार को रखा गया है। वट सावित्री व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं. इस व्रत का संबंध सावित्री देवी से है। पौराणिक कथा के अनुसार सावित्री देवी ने अपने पति सत्यवान की आत्मा को अपने तपोबल से यमराज से वापस ले लिया था। यह घटना ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को हुई थी। इस तिथि को ही शनि जयंती भी मनाई जाती है। वट सावित्री व्रत की पूजा बहुत ही विधि विधान से की जाती है।

इससे पहले पर्व को लेकर बुधवार को शहर में महिलाओं की गहमागहमी नजर आई। पूजा-अर्चना को लेकर महिलाएं पूजन-सामग्री एवं पंखे की खरीदारी करने में जुटी रही। धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से बचाए थे। इसलिए इस दिन वट सावित्री पूजा की जाती है। यह व्रत सुहागिनों द्वारा पति की लंबी आयु की कामना के साथ रखा जाता है। विवाहित महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं।

पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्रीसेक्टर-19 स्थित सनातन धर्म मंदिर के पुजारी वीरेंद्र नंदा ने बताया कि अमावस्या तिथि बुधवार दोपहर 1.19 बजे से बृहस्पतिवार की दोपहर 3.16 बजे तक रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सोलह श्रृंगार करें।

जानें- पूजा सामग्री के बारे में

पूजन सामग्री में सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप-दीप, घी, फल-फूल, रोली, सुहाग का सामान, पूडियां, बरगद का फल, जल से भरा कलश आदि शामिल हैं। इस दिन व्रत कथा सुनें या पढ़ें। शाम को घर पर पूजा करके प्रसाद बांटें। अगले दिन व्रत को खोलते हुए शुभ मुहूर्त में पारण करें।

हर वर्ष हम वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं। लेकिन इस बार बरगद का पौधा रोपने व उसकी रक्षा करने का संकल्प लिया है। - कनिका

बरगद के पौधों का रोपण समय की मांग है। इस पौधे का धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व है। वट वृक्ष की घटती संख्या के चलते इस बार पौधा लगाने का मन बनाया है।- रुचि

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