Coronavirus in India: यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात समेत देश के राज्यों को व्यापार में हुआ कितना घाटा? जानिये- यहां

Coronavirus in India कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने घरेलू व्यापार करने वाले 8000 कारोबारियों के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री समेत राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों से बड़े वित्तीय पैकेज की मांग कर दी है। कहा गया है कि देश में करीब 12 लाख करोड़ का व्यापार घाटा हुआ है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:56 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:56 AM (IST)
Coronavirus in India: यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात समेत देश के राज्यों को व्यापार में हुआ कितना घाटा? जानिये- यहां
Coronavirus in India: यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात समेत देश के राज्यों को व्यापार में हुआ कितना घाटा? जानिये- यहां

नोएडा [कुंदन तिवारी]। औद्योगिक नगरी के बाजार में कोरोना संक्रमण प्रसार का असर दिखने लगा है। 45 दिन में अनुमानित करीब 10 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का घाटा हुआ है, जिसने नोएडा ग्रेटर, नोएडा के तमाम व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जब लॉकडाउन खत्म होगा, तब व्यापारियों को अपने व्यापार को फिर खड़ा करना बेहद मुश्किल होगा। बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में नोएडा के सेक्टर-18, अट्टा, बरौला, हरौला, भंगेल समेत ग्रेटर नोएडा, दादरी, जेवर व कासना में छोटे बड़े मिलाकर करीब 200 बाजार संचालित हो रहे है, जहां पर एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार होता है।

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने घरेलू व्यापार करने वाले देश के आठ हजार कारोबारियों के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री समेत राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों से बड़े वित्तीय पैकेज की मांग कर दी है। कहा गया है कि पूरे देश में करीब 12 लाख करोड़ का व्यापार घाटा हुआ है। इसमें खुदरा व्यापार में लगभग 7.50 लाख करोड़ रुपये और थोक व्यापार में लगभग 4.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र व राज्य सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

सरकार की मौजूदा व्यवस्था से ई- कामर्स में कारोबार में वृद्धि हो सकती है। प्रत्येक राज्य में कोविड दिशा निर्देशों में प्रतिबंधों के बावजूद विभिन्न ई-कामर्स कंपनियां गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री और वितरण में लगी हैं। किसी भी राज्य में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका कड़ा विरोध व्यापारियों की ओर से किया जा रहा है, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कंपनियों को कानून और नीति का उल्लंघन करने की अनुमति मिली हुई है, उन्हें अब कानून का कोई डर नहीं रहा।

यह राहत मिलनी चाहिए

जीएसटी, आयकर और टीडीएस के तहत सभी तिथियों को कम से कम 31 अगस्त तक के लिए स्थगित किया जाए। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को व्यापारियों को रियायती ब्याज दर पर ऋण दिया जाए। डिजिटल भुगतान करने पर बैंक शुल्क माफ किया जाए सरकार बैंक शुल्क सीधे बैंकों को सब्सिडी दे सकती है।

प्रमुख राज्यों में व्यापारियों के व्यापार घाटे की स्थिति महाराष्ट्र 1.10 लाख करोड़ रुपये दिल्ली 30 हजार करोड़ रुपये गुजरात 60 हजार करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश 65 हजार करोड़ रुपये मध्य प्रदेश 30 हजार करोड़ रुपये राजस्थान 25 हजार करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ 23 हजार करोड़ रुपये कर्नाटक 50 हजार करोड़ रुपये

सुशील कुमार जैन (संयोजक (दिल्ली एनसीआर), कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कहना है कि  व्यापारियों को उनकी व्यावसायिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए एक वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए। व्यापारियों की अकेले जिम्मेदारी केवल केंद्र सरकार की नहीं, बल्कि राज्य सरकारें भी उत्तरदायी हैं।

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