Land Scam: यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व उप महाप्रबंधक सतीश कुमार गिरफ्तार Noida News
126 करोड़ के घोटाले में यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व उप महाप्रबंधक सतीश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में हुए 126 करोड़ के जमीन घोटाले मामले में बीटा दो कोतवाली पुलिस ने प्राधिकरण के तत्कालीन एसीईओ व सेवानिवृत्त पीसीएस सतीश कुमार को गिरफ्तार किया है। आरोपित सतीश कुमार मूलरूप से शामली के अछौया गांव के रहने वाले है और ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक जार सोसायटी में रह रहे थे।
पुलिस इस मामले में अब तक मुख्य आरोपित तत्कालीन सीईओ, सेवानिवृत्त आइएएस पीसी गुप्ता समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि छह ने अदालत में आत्मसमर्पण किया है। अभी भी 20 से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी होनी बाकी है, जो कि घोटाले में शामिल रहे हैं। फरार आरोपितों में 12 अधिकारी हैं जो कि घोटाले के दौरान यमुना प्राधिकरण में तैनात रहे थे। वहीं आरोपितों ने अधिकारियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। रिश्तेदारों के नाम बनाई गई कंपनी को जमीन आवंटित कर घोटाले को अंजाम दिया गया था।
बता दें कि यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में वर्ष 2013-14 में हुए भूमि घोटाले के संबंध में तीन जून 2018 को बीटा दो कोतवाली में प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ सेवानिवृत्त आइएएस पीसी गुप्ता समेत 21 आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने मुख्य आरोपित पीसी गुप्ता को 22 जून 2018 को मध्यप्रदेश के दतिया से गिरफ्तार किया था।
आरोप है कि मास्टर प्लान से बाहर जाकर प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन खरीदी गई थी। इसके बाद उसी जमीन का मुआवजा अपने रिश्तेदारों को रेवड़ी की तरह बांटा गया था। पुलिस की जांच के दौरान कई अन्य अधिकारियों के नाम प्रकाश में आए थे। इसके बाद पुलिस ने उन सभी अधिकारियों को भी आरोपित बनाया। पुलिस का दावा है कि केस में 36 से अधिक आरोपितों के नाम शामिल किए जा चुके हैं।
सीबीआइ के संपर्क में थे आरोपित
इस मामले में सीबीआइ जांच की सिफारिश की गई थी। सीबीआइ केस को अपने हाथ में लेने से पहले प्राथमिक पड़ताल कर रही थी। इसी दौरान गाजियाबाद में आरोपितों को मदद पहुंचाने के एवज में रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआइ इंस्पेक्टर रंगे हाथ पकड़ा गया था। इस मामले में सीबीआइ के एसआइ की भी गिरफ्तारी हुई थी।
2013 से 2015 तक रहे थे तैनात
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित सतीश कुमार यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 18 अप्रैल 2013 से 13 जुलाई 2015 तक तैनात रहे थे। जमीन की खरीद फरोख्त व चिह्न्किरण से संबंधित पत्रवलियों में आरोपित सतीश कुमार के हस्ताक्षर हैं।