किसान आंदोलन : हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच कोरोना की आहट, जानिए क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर

सेक्टर-14-ए स्थित चिल्ला बार्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसान पूरे दिन बार्डर पार करने की रणनीति बनाने के लिए हुक्के की गुड़गुड़ाहट के साथ चर्चा कर रहे हैं। हुक्का पी रहे किसान न तो शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हैं और न ही मास्क पहनना जायज समझते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 11:13 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 11:13 PM (IST)
किसान आंदोलन : हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच कोरोना की आहट, जानिए क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर
किसान आंदोलन के दौरान सड़क पर बैठे हुक्‍का पीते किसान।

नोएडा, मोहम्मद बिलाल। कृषि बिल का विरोध करने आए किसान अपने साथ गांव से हुक्का लेकर भी पहुंचे हैं। हुक्के की गुड़गुड़ाहट के बीच किसान आगे की रणनीति बनाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सैकड़ों की संख्या में एक जगह पर इकट्ठा होकर हुक्का पीने की आदत कोरोना संक्रमण की वाहक बन सकती है।

सेक्टर-14-ए स्थित चिल्ला बार्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसान पूरे दिन बार्डर पार करने की रणनीति बनाने के लिए हुक्के की गुड़गुड़ाहट के साथ चर्चा कर रहे हैं। हुक्का पी रहे किसान न तो शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हैं और न ही मास्क पहनना जायज समझते हैं।

वहीं कई किसान तो ऐसे हैं जो पूरे दिन अपने पास हुक्के को रखे रहते हैं दूसरे किसान भी यहां बारी-बारी से हुक्का पीते हैं। हुक्का पीने वालों में अधिकांश बुजुर्ग है, जिनकी आयु 60 पार है। कई तो ऐसे है जो खांसी आने के बावजूद हुक्के को हाथ और मुंह लगा रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल युवाओं के बीच भी हुक्का पीने की आदत सामान्य है। जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सामूहिक रूप से हुक्का पीने की इस आदत को लेकर चेताया है। उनका कहना है कि हुक्के की नाल एक के बाद दूसरे तक पहुंचती है, जिससे लगातार कश लगाए जाते हैं। अगर किसी एक भी संक्रमित ने हुक्के को हाथ लगाया, तो दूसरे लोगों के संक्रमित होने की संभावना अधिक बढ़ जाएगी। इसके अतिरिक्त संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी व मास्क जरूरी है। जबकि हुक्का पी रहे लोग इन्हीं दोनों चीज की अनदेखी कर रहे हैं। हुक्का से संक्रमण के साथ ही फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर, दिल जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर

सिगरेट पीने और हुक्का पीने के नुकसान लगभग एक समान हैं। हुक्के के धुएं में कार्बन मोनोआक्साइड, आर्सेनिक, क्रोमियम, लेड, सहित दूसरे हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं। हुक्का पीने से स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकता है।

डॉ. संतराम, वरिष्ठ फिजीशियन, जिला अस्पताल

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